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कोरोना के टीके की वजह से खून के थक्के जमने की खबर पिछले कुछ दिनों से चर्चा का विषय रही है. एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के जमने के मामलों के बाद कई यूरोपियन देशों में इसपर अस्थाई रोक लगाई गई है. इस बीच, खबर ये भी है कि अमेरिका में खून के थक्के जमने की रिपोर्ट की जांच को लेकर जॉन्सन एंड जॉन्सन के एक खुराक वाले कोरोना टीके पर भी अस्थाई रोक लगाने की सिफारिश की गई है. तो क्या सिर्फ वैक्सीन से ही खून के थक्के जमने का खतरा रहता है. या फिर और भी वजहें हैं जिनसे शरीर में खून का थक्का जमने की आशंका बनी रहती हैं.
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीस कंट्रोल (CDC) और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने एक साथ बयान दिया है कि वो जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन लगने के कुछ दिनों बाद खून के थक्के जमने से पीड़ित महिलाओं के छह मामलों की जांच कर रहे हैं. ये महिलाएं 18 से 48 साल के बीच की उम्र की थीं.
स्पेन की डॉक्टर मारिया लियोनोर रामोस (Dr. Maria Leonor Ramos) ने हाल ही ग्राफिक बनाकर यह समझाने का प्रयास किया था कि किन लोगों के शरीर में खून का थक्का जमने का खतरा किन वजहों से हो सकता है. एस्ट्राजेनेका वैक्सीन अगर 10 लाख लोगों को लगे हैं तो उनमें से खून के थक्के जमने के सिर्फ 4 केस में खून का थक्का जमने का खतरा रहता है. यानी 0.0004 प्रतिशत.
वहीं, बर्थ कंट्रोल की गोलियां (गर्भ निरोधक गोलियां) लेने वाली 10 लाख महिलाओं में से 500 से 1200 मामलों में खून के थक्के जमने का खतरा रहता है. यानी 0.05 से 0.12 फीसदी तक. जो लोग धूम्रपान करते हैं, वैसे 10 लाख स्मोकर्स में 1763 स्मोकर्स में खून का थक्का जमने का खतरा रहता है. यानी 0.18 फीसदी. जिन लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ है वैसे 10 लाख लोगों में से 165,000 यानी 16.5 फीसदी लोगों में खून का थक्का जमने का खतरा रहता है.
वहीं, इस बीच अमेरिका में FDA की एग्जीक्यूटिव कमिश्नर डॉ. जैनेट वुडकॉक ने कहा कि हमें कुछ दिन के लिए जॉन्सन एंड जॉन्सन की वैक्सीन पर रोक लगाने की जरूरत है. क्योंकि खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम मिली है. इनके साथ ही खून के थक्के भी मिले हैं. ऐसी स्थिति में ब्लड थिनर हेपरिन दवा का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है. जल्द ही अमेरिका में इस पर चर्चा होगी, उसके बाद फैसला लिया जाएगा कि इस टीके का उपयोग कैसे किया जाए?