
रूस के कामचटका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula) में शिवलुच ज्वालामुखी (Shiveluch volcano) मंगलवार को फट गया, जिससे आसमान में 10 किलोमीटर तक राख का उबार उठा. कामचटका वॉलकैनिक इरप्शन रिस्पॉन्स टीम (KVERT) ने विमान सेवाओं के लिए कोड रेड वॉलकैनो ऑब्ज़रवेटरी नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है यहां किसी भी समय 15 किलोमीटर ऊंचे राख के विस्फोट हो सकते हैं, जो विमानों के लिए खतरनाक है.
शिवलुच ज्वालामुखी, इस प्रायद्वीप के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और राख के गुबार की वजह से हवाई यातायात के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है. टीम का कहना है कि ज्वालामुखीय गतिविधि अंतरराष्ट्रीय और निचली उड़ान वाले विमानों को प्रभावित कर सकती है.
रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के जियोफिज़िकल सर्वे की कामचटका ब्रांच के निदेशक दानिला चेब्रोव का कहना है कि जवालामुखी स्थानीय समय के मुताबक सुबह 6:31 बजे फटा. विस्फोट के बाद, राख का गुबार 20 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच गया था.
इसके बाद राख का बादल 108,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गया और आस-पास के गांवों में काफी राख फैली. बताया जा रहा है कि राख के बादल फैलने की संभावना अभी बनी रहेगी.
स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर वहां की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, जिनमें चारों तरफ ज्वालामुखी की काली धूल दिखाई दे रही है. औऱ सबकुछ इस राख के नीचे ढक गया है. ज्वालामुखी विस्फोट के बाद, स्थानीय अधिकारियों ने स्कूलों को बंद कर दिया और आसपास के गांवों में रहने वाले लोगों को घरों के अंदर रहने का आदेश दिए गए हैं.
ज्वालामुखी से लावा बहने, बर्फ के पिघलने और पास के एक राजमार्गों पर कीचड़ फैलने की चेतावनी दी गई है. ज्वालामुखी विज्ञान और भूकंप विज्ञान संस्थान का कहना है कि राख 8.5 सेंटीमीटर (3.35 इंच) गिरी थी, जो 60 सालों में सबसे ऊंचा स्तर है.
बताया जा रहा है कि पिछले एक साल से इस ज्वालामुखी में हलचल हो रही थी. यह प्रक्रिया जारी है, हालांकि अब यह थोड़ा शांत हो गया है. चेब्रोव ने कहा कि ज्वालामुखी शायद अब शांत हो जाएगा, लेकिन राख के और बड़े बादलों से इंकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लावा का प्रवाह स्थानीय गांवों तक नहीं पहुंचना चाहिए.
शिवलुच कामचटका के सबसे बड़े और सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और पिछले 10,000 सालों में करीब 60 बार फट चुका है. यहां आखिरी बड़ा विस्फोट 2007 में हुआ था. इस ज्वालामुखी के दो मुख्य भाग हैं, छोटा- यंग शिवलुच,और बड़ा- ओल्ड शिवलुच. यंग शिवलुच के बारे में वैज्ञानिकों ने हाल के महीनों में ज़्यादा सक्रिय होने की सूचना दी थी, इसकी चोटी 2800 मीटर ऊंची है, जबकि ओल्ड शिवलुच 3,283 मीटर ऊंचा है.