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तेज़ी से गायब हो रहे हैं शनि ग्रह के छल्ले, जानिए कब तक हो जाएंगे पूरी तरह ख़त्म

खगोलविद बहुत पहले से जानते हैं कि शनि ग्रह के छल्ले गायब हो रहे हैं. वे इसके ऊपरी वायुमंडल में लगातार घुल रहे हैं और ग्रह पर बरस रहे हैं. अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वे कितने समय तक ग्रह के आसपास रहेंगे. लेकिन एक चीज़ है, जो इसका पता लगा सकती है.

छल्लों की सामग्री भारी मात्रा में लगातार शनि ग्रह पर गिर रही है (Photo: Getty) छल्लों की सामग्री भारी मात्रा में लगातार शनि ग्रह पर गिर रही है (Photo: Getty)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 03 मई 2023,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

शनि ग्रह (Saturn) को उसके चारों ओर छल्ले (Rings) होने की वजह से आसानी से पहचान लिया जाात है. लेकिन यह छल्ले अब गायब हो रहे हैं. और हम नहीं जानते कि वे कितने समय तक ग्रह के आसपास रहेंगे. 

खगोलविद 1980 के दशक से जानते हैं कि शनि के सबसे अंदर वाले बर्फीले छल्ले इसके ऊपरी वायुमंडल में लगातार घुल रहे हैं और ग्रह पर बरस रहे हैं. वहां बहुत तेजी से बारिश हो रही है. हालांकि, यह रिंग सिस्टम कितनी जल्दी गायब हो जाएगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. लेकिन एक चीज़ है, जो इसका पता लगा सकती है. वह है नासा का शक्तिशाली जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप (JWST).

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जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के एक प्लैनेटरी साइंटिस्ट जेम्स ओ डोनोग्यू (James O'Donoghue) का कहना है कि हम अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि छल्ले कितनी तेजी से मिट रहे हैं. हालिया शोध से पता चला है कि छल्ले केवल कुछ सौ करोड़ सालों के लिए शनि का हिस्सा होंगे.

शनि के छल्लों के जीवनकाल का बेहतर अनुमान लगाने के लिए, JWST और हवाई में केक ऑब्ज़रवेटरी, ग्रह का अध्ययन करने के लिए एक लॉन्ग-टर्म कैंपेन में हिस्सा लेंगे. टेलिस्कोप यह मॉनिटर करने में मदद करेंगे कि शनि पर, एक पूरे सीज़न के दौरान 'रिंग रेन' घटना में उतार-चढ़ाव कैसे होता है.

खगोलविदों को इस कैंपेन से दिलचस्प डेटा मिलने की उम्मीद है. पिछले शोध से पता चलता है कि छल्लों की सामग्री भारी मात्रा में लगातार शनि ग्रह पर गिर रही है. उदाहरण के लिए, 2017 में नासा के कैसिनी स्पेसक्राफ्ट (Cassini spacecraft) से भेजे गए डेटा के मुताबिक, 400 किलो से 2,800 किलो के बीच बर्फीली बारिश हर सेकंड ग्रह पर बरस रही है और इसके ऊपरी वातावरण को गर्म कर रही है.

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इस दर से अंदाजा लगाया जा रहा है कि छल्ले करीब 30 करोड़ सालों में गायब हो सकते हैं. हालांकि, यह एक लंबा समय लग रहा है, लेकिन कॉस्मिक टाइमस्केल में देखें तो ये 'बहुत जल्द' ही खत्म हो जाएंगे. जिस दर से ग्रह पर छल्लों की सामग्री बरस रही है वह अभी भी काफी हद तक अनिश्चित है. खगोलविदों का कहना है कि छल्ले 10 करोड़ सालों में भी गायब हो सकते हैं और ये भी हो सकता है कि वे 110 करोड़ सालों तक भी रह जाएं.

 

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