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नर को मादा बनाना अब चुटकी का काम... वैज्ञानिकों ने किया क्रोमोसोम्स के साथ ये काम

किसी भी नर जीव को मादा बनाना अब चुटकी का काम है. बस ये काम तब करना है जब भ्रूण शुरुआती दौर में विकसित हो रहा हो. वैज्ञानिकों ने क्रोमोसोम्स से छह छोटे कणों को हटाकर नर भ्रूण को मादा में बदल दिया. इससे उन देशों को फायदा होगा जहां पर लिंग संतुलन करना हो.

एक्स और वाई क्रोमोसोम्स मिलकर तय करते हैं नर पैदा होगा या मादा. (सभी फोटोः गेटी) एक्स और वाई क्रोमोसोम्स मिलकर तय करते हैं नर पैदा होगा या मादा. (सभी फोटोः गेटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2024,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST

किसी भी नर जीव को मादा बनाना अब बेहद आसान हो गया है. वैज्ञानिकों ने क्रोमोसोम्स के साथ ऐसा प्रयोग किया, जिससे एक नर चूहा मादा बन गया. स्तनधारियों के क्रोमोसोम्स में यह ताकत होती है कि वह किसी भी जीव का लिंग निर्धारण कर सकते हैं. क्रोमोसोम्स ही यह तय करते हैं कि किसी भी जीव का बच्चा नर होगा या मादा. 

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एक नई स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि Y Chromosomes के कुछ छोटे कणों को हटा देने से नर जीव मादा बन जाता है. इन छोटे कणों को माइक्रोआरएनए (mircoRNAs) कहते हैं. यह स्टडी हाल ही में नेचर कम्यूनिकेशन में प्रकाशित हुई है. इसमें बताया गया है कि कैसे कुछ खास जीन्स को माइक्रोआरएनए से हटाते ही नर चूहा मादा में बदल गया. 

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इस प्रक्रिया से लिंग परिवर्तन (Sex Reversal) की प्रक्रिया आसान हो गई है. यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रैनेडा में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस स्टडी के सह-लेखक राफेल जिमिनेज ने कहा कि हमें अपनी स्टडी के रिजल्ट पर भरोसा ही नहीं हो रहा है. इसके जरिए भविष्य में मन मुताबिक बच्चों का लिंग तय कर सकते हैं. किसी भी देश में लिंग का अनुपात सुधारा जा सकता है. 

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लिंग निर्धारण का काम करता है SRY जीन

स्तनधारी जीवों में लिंग निर्धारण जो विपरीत जीन्स के बीच के सटीक संतुलन का नतीजा होता है. एक जीन नर के शरीर को विकसित करता है जैसे शरीर पर बाल, टेस्टिकल्स. दूसरा जीन्स महिलाओं का शरीर बनाता है, जैसे अंडाशय, गर्भाशय आदि. यह काम गर्भधारण के बाद कुछ ही हफ्तों में हो जाता है. 

राफेल के साथी फ्रांसिस्को बारियोनुवो ने कहा कि जीवों के विकास के शुरुआती दौर में स्तनधारियों को ये ताकत मिली थी कि वो नर पैदा होंगे या मादा. Y Chromosomes में एक जीन पाया जाता है, जिसका नाम है SRY. ये जीन ही यह तय करता है कि नर टेस्टिकल्स बनेंगे या नहीं. जैसे ही SRY जीन लापता होता है, वह X Chromosome में बदल जाता है, जिससे मादा की ओवरी बनती है. 

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माइक्रोआरएनए तय करते हैं क्या पैदा होगा? 

इंसानी जीनोम समेत 98 फीसदी स्तनधारी जीवों के डीएनए में प्रोटीन के लिए कोडिंग नहीं होती. इसलिए वैज्ञानिक अब तक यह नहीं समझ पाएं हैं कि बाकी के कौन-कौन से जीन लिंग निर्धारण में मदद करते हैं. लंबे समय तक जिन्हें जंक डीएनए कहा जाता रहा है, वो असल में नॉन-कोडिंग आरएनए में बदल जाता है. 

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आरएनए शरीर में कई तरह के बायोलॉजिकल प्रोसेस को प्रभावित करता है. इनका एक चौथाई हिस्सा माइक्रोआरएनए होता है. ये कई तरह के जीन्स के साथ जुड़े होते हैं. हजारों माइक्रोआरएनए के बीच वैज्ञानिकों ने छह को खोजा. ये छह माइक्रोआरएनए ही लिंग तय करने में बड़ा रोल प्ले करते हैं. 

इस तरह से किया गया एक्सपेरिमेंट 

इसके बाद वैज्ञानिकों ने चूहों के विकसित होते भ्रूण से इन छह जीन्स को हटा दिया. उन्हें यह नहीं पता था कि किस चूहे के विकसित होते भ्रूण में कौन सा क्रोमोसोम सेट है. यानी XY या XX क्रोमोसोम. लेकिन यह पता था कि कौन से जीन्स हटाने से क्या होगा. इन्होंने जैसे ही छह जीन्स हटाए. XY क्रोमोसोम वाला चूहा मादा में बदलने लगा. जबकि XX वाला नर ही बना रहा.

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