Advertisement

इंसानी शरीर में मौजूद हैं 37 लाख करोड़ Cells, बन रहा हर कोशिका का नक्शा... इंसान हो जाएगा अमर!

क्या आपको पता है आपका शरीर 37 लाख करोड़ Cells से बना है. हैरानी इस बात की है वैज्ञानिक हर एक कोशिका का नक्शा यानी एटलस बना रहे हैं. अब इस जीतोड़ मेहनत से क्या फायदा होगा? भविष्य में किसी भी तरह की बीमारी को उसी कोशिका के जरिए ठीक किया जा सकेगा, जो बीमारी में खराब हुई है.

वैज्ञानिक इंसानी शरीर की हर कोशिका का एटलस तैयार कर रहे हैं ताकि भविष्य में इंसान को हर तरह की बीमारियों से बचाया जा सके. (फोटोः इंस्टीट्यूट डे ला विजन) वैज्ञानिक इंसानी शरीर की हर कोशिका का एटलस तैयार कर रहे हैं ताकि भविष्य में इंसान को हर तरह की बीमारियों से बचाया जा सके. (फोटोः इंस्टीट्यूट डे ला विजन)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

हमारे और आपके शरीर को करीब 36 से 37 लाख करोड़ कोशिकाओं यानी Cells ने मिलकर बनाया है. हर कोशिका का अलग काम. अलग व्यवहार. अलग जीवन होता है. ये मरती-जीती रहती हैं. ऊर्जा प्रदान करती रहती हैं. उम्र के साथ ढलती और नया जीवन देती रहती हैं. अब वैज्ञानिक इन सभी कोशिकाओं का नक्शा बनाने में जुटे हैं. 

नक्शा कहिए या एटलस. लेकिन इसमें हर एक सिंगल कोशिका की डिटेल होगी. उसके बारे में सारी जानकारी होगी. ताकि अलग-अलग कोशिकाओं से जुड़ी समस्याओं, बीमारियों को रोका जा सके. विकास, प्रतिरोधक क्षमता जैसी चीजों को बेहतर बनाया जा सके. अगर ऐसा हुआ तो भविष्य में इंसानों को लगभग अमर किया जा सकेगा. या फिर उसे जिंदगी भर किसी तरह की बीमारियां नहीं होंगी. वैज्ञानिकों ने अब तक 10 करोड़ कोशिकाओं का हिसाब-किताब लिख लिया है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: कैटरपिलर को मारने वाला Zombie फंगस इंसानों में रोक सकता है कई प्रकार के कैंसर

इन कोशिकाओं की डिटेल्स दुनियाभर के दस हजार लोगों के शरीर से लिए गए हैं. ये 100 अलग-अलग देशों के लोग हैं. ताकि अलग-अलग देशों में रह रहे लोगों के शरीर में मौजूद समानताओं और भिन्नताओं को पहचाना जा सके. उनकी भौगोलिक स्थिति और जेनेटिक बैकग्राउंड के आधार पर उनकी हर कोशिका के काम को जाना जा सके. 

दो साल में तैयार हो जाएगा पूरे शरीर का एटलस

सिर्फ दो साल और रुकना है हमलोगों को. इसके बाद 2026 में वैज्ञानिक ह्यूमन सेल एटलस (Human Cell Atlas - HCA) को पूरा कर लेंगे. जिसमें हर एक कोशिका की लोकेशन, पहचान और काम सब पता होगा. वह उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर. ताकि यह भी पता चलें कि कोशिका किस उम्र में किस तरह से काम करती है. यह नक्शा शुरूआती होगा. इसके बाद और रिसर्च किए जाएंगे. ताकि इंसान को बेहतर लंबा जीवन दिया जा सके. 

Advertisement

यह भी पढ़ें: आदिमानव से मानव, अब क्या बन रहा इंसान? पहाड़ों पर साइंटिफिक स्टडी में हुआ ये खुलासा

HCA से जुड़े वैज्ञानिकों ने 40 रिसर्च पेपर्स और तैयार किए हैं. ताकि एटलस का पहली कॉपी तैयार हो सके. यह रिपोर्ट 20 नवंबर 2024 को नेचर जर्नल में प्रकाशित हुई है. जिसमें कई अंगों और उनके सिस्टम को दर्शाया गया है. जैसे फेफड़े, दिमाग और त्वचा. इन सबका कंप्यूटेशनल टूल भी है, ताकि डेटा निकाला जा सके. 

गूगल मैप की तरह ही बनेगा इंसानी शरीर का नक्शा

HCA के फाउडिंग को-चेयर अवीव रेगेव ने कहा कि यह इंसानी शरीर के पारंपरिक नक्शे से अलग और आधुनिक एटलस होगा. इसे ऐसे समझिए कि आपके पास 15वीं सदी का दुनिया का नक्शा है. आप उसके सहारे कितना ही चल लेंगे. इसलिए एडवांस गूगल मैप की जरूरत है. ठीक इसी तरह इंसानों के शरीर के एडवांस नक्शे की जरूरत है. हम इंसानी शरीर के नक्शे को एकदम गूगल मैप की तरह बना देंगे. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement