
समुद्र में तैरते समय इंसानों पर अक्सर शार्क के हमलों की खबरें सुनी होंगी. भविष्य में ऐसा भी हो सकता है कि शार्क मछली आपको जमीन पर दौड़ा कर हमला करे. यह भविष्य का इवोल्यूशन यानी सतत विकास हो सकता है. शार्क ऐसा जानबूझकर नहीं कर रही है, बल्कि जलवायु परिवर्तन की वजह से मजबूर होकर जमीन पर चलने लगी है. आइए जानते हैं कि आखिर ये हैरान करने वाली घटना क्या है? शार्क मछलियां क्यों जमीन पर चलने लगी हैं.
फ्लोरिडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक आम दिनों की तरह 3 मई 2022 को शार्क मछलियों की रिकॉर्डिंग कर रहे थे. अपने किसी स्टडी के लिए. लेकिन इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा देखा जो भरोसा करने लायक नहीं था. उन्होंने एक शार्क को चलते हुए देखा, वो भी अपने पीछे के फिन्स के सहारे. ये नजारा डराने वाला भी है, क्योंकि शार्क मछलियों ने अगर चलना सीख लिया तो भविष्य में ये पानी से निकल कर जमीन पर इंसानों पर हमला भी कर सकती हैं.
तीन फीट लंबी शार्क को चलते देखा गया
किस्मत अच्छी ये थी कि जमीन पर चलने वाली ये शार्क कोई ग्रेट व्हाइट शार्क (Great White Shark) नहीं थी. यह एक छोटी इपालेट शार्क (Epaulette Shark) थी. इपालेट शार्क करीब 3 फीट लंबी थी. ये आमतौर पर कोरल रीफ्स यानी मूंगा पत्थरों के आसापास तैरती हुई दिख जाती है. लेकिन ज्यादातर पाई जाती हैं ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण में स्थित ग्रेट बैरियर रीफ (Great Barrier Reef) में.
ऑक्सीजन की कमी होने पर करती हैं ऐसा
इन शार्क मछलियों को कई बार थोड़े समय के लिए ज्यादा मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) मिलने लगती है. यानी ऑक्सीजन का स्तर कम होता है और तापमान लगातार कम-ज्यादा होता है. तब ये बाहर की ओर जाती लहरों के साथ किनारों की तरफ आ जाती हैं. ये खुद को आइसोलेट कर लेती हैं. अगर ऑक्सीजन की मात्रा पूरी तरह खत्म हो जाए तब भी ये इपालेट शार्क (Epaulette Shark) खुद को दो घंटे तक जीवित रख सकती हैं.
चलने का पैटर्न शावक शार्क की तरह
इपालेट शार्क (Epaulette Shark) ऑक्सीजन की कमी महसूस होने पर खुद को दुरुस्त रखने के लिए जमीन और पानी दोनों पर ऑक्सीजन की खोज में चलने लगती हैं. अपने पीछे के फिन्स की मदद से. जैसे ही ऑक्सीजन की कमी पूरी होती ये फिर तैरना शुरू कर देती हैं. वैज्ञानिकों ने शार्क के चलने के पैटर्न की स्टडी की. पता चला कि ये पैदा होने वाली नई शार्क मछलियों की चलती हैं. चलने के लिए शार्क के शरीर की मोटाई, लंबाई, वजन आदि से फर्क नहीं पड़ता.
बुरी स्थितियों में ही शार्क चलती हैं
चलते समय ये अपनी गति, फिन का घुमाव, शरीर को मोड़ना, पूंछ की बीट फ्रिक्वेंसी ठीक वैसी ही हो जाती है, जैसे कि कोई शावक शार्क की तैरना सीखते समय होती है. इपालेट शार्क (Epaulette Shark) की खासियत ये है कि वो पानी के अंदर और बाहर दोनों जगह चलने में सक्षम हैं. पानी के अंदर भी पत्थरों और कोरल रीफ्स के सहारे वो चल सकती है. इसकी वजह से उन्हें अपना खाना खोजने में आसानी होती है. अगर पर्यावरण, परिस्थितियां और खाने की कमी जैसा माहौल हो तो भी वो इस तरह की चाल का उपयोग करती हैं.
जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रहा ऐसा
इपालेट शार्क (Epaulette Shark) कई बार अपनी चाल बदलकर खुद को शिकार होने से भी बचाती हैं. इनकी ये चाल इन्हें कई बार बुरी पर्यावरणीय स्थितियों से बचाने में भी मदद करता है. खास तौर से वह बदलाव जो जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से हो रहे हैं. ये बात सही है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से शार्क मछलियां अब ज्यादा तेजी से चलना सीख रही हैं. क्योंकि समुद्र लगातार गर्म हो रहे हैं. उनमें ऑक्सीजन की कमी हो रही है.
अगर ऑक्सीजन की कमी है तब इपालेट शार्क (Epaulette Shark) अपने शरीर की लंबाई से 30 गुना ज्यादा दूरी वो चलकर पूरी कर सकती हैं. इससे पहले भी इस पर स्टडी हुई है लेकिन इस तरह का नजारा पहली बार देखने को मिला है. इपालेट शार्क के चलने को लेकर की गई स्टडी हाल ही में इंटीग्रेटिव एंड कंपेरेटिव बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुई है.