
सांप के शरीर में दो हिस्सों में बंटी जीभ आपने देखी होगी. लेकिन इसके अलावा एक अंग और होता है जिसमें उनकी जीभ की तरह विभाजन होता है. नर सांपों में उनकी जीभ की तरह ही जननांग होते हैं. जिसे हेमीपेनेस कहते हैं. ये गुलाबी रंग के कैक्टस पौधे जैसे होते हैं. जिनके ऊपर काफी कांटे निकले होते हैं. इसका मतलब ये नहीं कि नर सांप इनके जरिए ही मादा सांप को प्रजनन के लिए प्रभावित या संतुष्ट कर पाता है. मादा के शरीर में भी नया अंग खोजा गया है.
वैज्ञानिकों को हाल ही में मादा सांप के शरीर में हेमीक्लिटोरिस (Hemiclitores) मिला है. मादा सांप का क्लिटोरिस भी उनकी जीभ की तरह दो हिस्सों में विभाजित होता है. अब यह खुलासा होने के बाद वह धारणा खत्म हो गई है कि नर सांप अपनी संबंध बनाने के लिए मादा के साथ जबरदस्ती करता था. इसका मतलब ये है कि सांप जब प्रजनन की क्रिया में शामिल होते हैं, तब वो एकदूसरे को उत्तेजित करने का प्रयास करते रहते हैं.
स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों को पता चला है कि ये सिर्फ इसी काम नहीं आता बल्कि यहां पर इरेक्टाइल टिशु होते हैं, जिनमें हजारों नर्व्स होती हैं. इनसे पता चलता है कि ये रिप्रोडक्शन में मदद करते हैं. ये कोई बेकार अंग (Vestigial Organ) नहीं हैं. मादा सांप का क्लिटोरिस सक्रिय है और यह वही काम करता है, जो बाकी मादा जीवों के शरीर में करता है. तो अब यह धारणा पूरी तरह से खत्म हो चुकी है कि सांपों के बीच बनने वाला संबंध जबरदस्ती होता था.
ऑस्ट्रेलिया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड की रिसर्चर मेगन फोलवेल कहती हैं कि सांप एक दूसरे को सेड्यूस करते हैं. स्टीमुलेट करते हैं. ऐसा हो सकता है कि नर इसी अंग का इस्तेमाल करके मादा सांप को ज्यादा से ज्यादा देर तक संबंध बनाने के लिए प्रेरित करता है. मेगन ने यह रिसर्च तब शुरू की जब उन्होंने देखा कि अलग-अलग शोध पत्रों में नर सांप के अंगों का अलग-अलग विवरण दिया था. फिर उन्होंने सोचा कि क्यों ने इसे सही से जांचा जाए.
क्योंकि पेनिस और क्लिटोरिस जैसे सेक्स ऑर्गन ज्यादातर स्तनधारी जीवों, छपिकलियों और पक्षियों में पाया जाता है. लेकिन सांपों के जननांगों की जानकारी बेहद कमतर दी गई थी. जो थीं भी वो बेहद गलत थीं. इसके बाद मेगन ने दो मादा सांपों के पूंछ वाले हिस्से का डिसेक्शन किया. सारी मांसपेशियों को हटाया. मांसपेशियों को जोड़ने वाले टिशु को हटाया. तब जाकर मादा सांप का हेमीक्लिटोरिस उन्हें दिखना शुरू हुआ.
मेगन ने अपनी खोज माउंट होलियोके कॉलेज में जेनाइटल मॉर्फोलॉजिस्ट डॉ. पेट्रिशिया ब्रेनैन को दिखाया. पेट्रिशिया इस खोज को देख कर दंग रह गईं. उन्होंने मेगन की तकनीक से आठ और प्रजातियों के मादा सांपों की जांच की. इन जांच से यह बात पक्का हो गई कि मादा सांप के पास हेमीक्लिटोरिस होती है.
यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टीकट में सांपों के एक्सपर्ट यानी हर्पेटोलॉजिस्ट कर्ट श्वेंक ने कहा कि मैंने आजतक मादा सांपों की क्लिटोरिस के बारे में कुछ नहीं सुना. यह नई जानकारी है. नई खोज है. मेगन फोलवेल ने कमाल का काम किया है. यह स्टडी हाल ही में प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी जर्नल में प्रकाशित हुई है.