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Space X Moon Lander: 52 साल बाद अमेरिका चांद पर उतारेगा यान, पहली बार निजी कंपनी ने भेजा मून लैंडर

Intuitive Machines IM-1 Mission: आधी सदी के बाद अमेरिका (US) चांद पर अपना यान उतारने जा रहा है. वह एक निजी कंपनी के मून लैंडर को चांद की सतह पर उतार रहा है. लॉन्चिंग SpaceX के रॉकेट से की जा रही है. इस लैंडर को इंट्यूशिव मशींस (Intuitive Machines) कंपनी ने बनाया है. इसका नाम है ओडिसियस लैंडर (Odysseus Lander).

ये है नासा-स्पेसएक्स और IM का मून लैंडर ओडिसियस. (फोटोः SpaceX) ये है नासा-स्पेसएक्स और IM का मून लैंडर ओडिसियस. (फोटोः SpaceX)
आजतक साइंस डेस्क
  • केप केनवरल ,
  • 15 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA 52 साल बाद यानी 1972 के बाद पहली बार चंद्रमा पर अपना स्पेसक्राफ्ट उतारने जा रहा है. इस मून लैंडर का नाम है ओडिसियस. इसे इंट्यूशिव मशींस (IM) नाम की कंपनी ने बनाया है. इसे IM-1 मून लैंडर भी बुलाया जा रहा है. लॉन्चिंग 14 फरवरी 2024 को ही होनी थी लेकिन तकनीकी वजहों से उसे टाल दिया गया था. 

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यह लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से की गई. ओडिसियस लैंडर को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए SpaceX के Falcon 9 rocket का इस्तेमाल किया गया है. मिशन का नाम है इंट्यूशिव मशींस नोवा-सी स्पेसक्राफ्ट (Intuitive Machines Nova-C Spacecraft). सब कुछ सही रहा तो चांद पर इसकी लैंडिंग 22 फरवरी 2024 को होगी. 

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नासा ने इस काम के लिए IM के साथ 118 मिलियन डॉलर यानी 979.52 करोड़ से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट किया था. इसके बाद IM ने ओडिसियस मून लैंडर बनाया. यह लैंडर नासा के कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस प्रोग्राम के तहत बनाया गया है. लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप केनवरल स्थित केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39बी से की जाएगी. 

22 फरवरी को चांद की सतह पर होगी लैंडिंग

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इस मिशन की लॉन्चिंग के लिए स्पेसएक्स के पास इस हफ्ते सिर्फ तीन दिन का ही लॉन्च विंडो था. 14 फरवरी का लॉन्च विंडो फ्यूल की वजह से खराब हो गया था. आज की लैंडिंग सफल हुई तो 22 फरवरी को यह लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. इसके पहले जनवरी में भी इसे लॉन्च करने की तैयारी थी लेकिन खराब मौसम की वजह से यह टाल दी गई थी. 

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पहला प्राइवेट लूनर लैंडर है IM-1 ओडिसियस

यह कुल मिलाकर 16 दिन का मिशन है. यानी नोवा-सी ओडिसियस लैंडर चांद की सतह पर उतरने के बाद 7 दिन तक काम करेगा. यह दुनिया का पहला प्राइवेट कंपनी लूनर लैंडर है, जो चांद पर उतरने जा रहा है. क्योंकि इससे पहले अमेरिकी एजेंसी नासा ने अपना आखिरी मून लैंडिंग मिशन 1972 में अपोलो 17 (Apollo 17) किया था. 

एक ही लॉन्च विंडो... यहां करवाई जाएगी लैंडिंग

अगर सबकुछ सही रहा तो यह लैंडर चांद तक 9 दिन में पहुंच जाएगा. लेकिन आज की लॉन्चिंग टलती है तो सिर्फ एक ही दिन का लॉन्च विंडो और बचा है. और वो है 16 फरवरी. इसके बाद वह सात दिन वहां रहेगा. नासा और IM चाहते हैं कि लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर स्थिति मालापर्ट क्रेटर (Malapert Crater) के पास मालापर्ट ए क्रेटर के पास हो. मालापर्ट क्रेटर 69 किलोमीटर चौड़ा है. लैंडिंग के बाद यह मिशन दो हफ्ते बाद खत्म हो जाएगा. क्योंकि वहां पर अंधेरा छा जाएगा. 

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