
मंगल ग्रह पर मकड़ियां दिखी हैं. वो भी हजारों-लाखों की संख्या में. यह तस्वीर जब पहली बार वैज्ञानिकों ने देखा तो उनके होश उड़ गए. क्योंकि तस्वीर यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) में लगे कलर एंड स्टीरियो सरफेस इमेजिंग सिस्टम (CaSSIS) ने ली है.
आम लोग यह फोटो देख कर हैरान हो जाएंगे कि जिस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है, वहां पर मकड़ियां कैसे पहुंच गईं? क्या ये कोई एलियन प्रजाति के जीव हैं, जो मंगल ग्रह पर रहते हैं. फोटो सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुई. जांच के बाद वैज्ञानिकों ने जो खुलासा किया वो और भी ज्यादा हैरान करने वाला है.
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असल कहानी ये है कि वंसत के मौसम में जब सूरज की किरणें मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पड़ती हैं, तब वहां सर्दियों में जमा हुई कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) इस तरह की मकड़ियों जैसा आकार ले लेती हैं. सूरज की रोशनी कार्बन डाईऑक्साइड की निचली परत को पिघलाती है, तो ऊपर की परतें इस तरह से आकृतियां बनाती हैं, जैसे मकड़ी हो.
हर साल सर्दियों के बाद दिखती हैं मंगल पर ये 'मकड़ियां'
जमीन के अंदर से निकलने वाली CO2 गैस के ऊपर गहरे रंग की धूल जमा रहती है. जैसे ही सूरज की रोशनी पड़ती है, तब ये जमीन के नीचे बनी दरारों से बाहर आने लगते हैं. पिघलने लगते हैं. इससे ऐसा दिखता है कि सतह पर एकसाथ लाखों मकड़ियों ने धावा बोल दिया हो. ये मकड़ियों के आकार में घूमती-फिरती दिखती हैं. असल में चलती-फिरती नहीं हैं बल्कि सूरज की रोशनी की वजह से पिघलती हैं, तो लगता है कि इनमें मूवमेंट हो रहा है.
एक्सोमार्स ऑर्बिटर के अलावा मार्स एक्सप्रेस ने भी ली थी फोटो
पहली बार इस तरह की तस्वीर 4 अक्टूबर 2020 में ली गई थी. उसके बाद से लगातार हर साल ऐसी तस्वीर सामने आती रहती है. ये आमतौर पर मंगल ग्रह के कॉर्डिनेट 323°E/75°S पर दिखाई देती हैं. एक्सोमार्स के अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी के मार्स एक्सप्रेस स्पेसक्राफ्ट ने भी ऐसी तस्वीरें ली थीं.