Advertisement

देश में कुल मिलाकर 13,874 तेंदुए, सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में है आबादी

भारत में कुल मिलाकर 13,874 तेंदुए (Leopards) हैं. सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में हैं. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तेंदुओं की आबादी की नई रिपोर्ट जारी की है. इसमें अलग-अलग राज्यों में कितने तेंदुएं हैं, इसकी जानकारी भी दी गई है.

मध्य भारत के जंगल में आउटडोर जंगल सफारी के दौरान प्राकृतिक मानसूनी हरियाली में भारतीय जंगली नर तेंदुआ. (फोटोः गेटी) मध्य भारत के जंगल में आउटडोर जंगल सफारी के दौरान प्राकृतिक मानसूनी हरियाली में भारतीय जंगली नर तेंदुआ. (फोटोः गेटी)
मिलन शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST

भारत में तेंदुओं की आबादी 13,874 (रेंज: 12,616 - 15,132) होने का अनुमान है. साल 2018 में 12852 (12,172 से 13,535 के बीच) की तुलना में आबादी स्थिर है. न घटी है. न बढ़ी है. यह अनुमान तेंदुए के निवास स्थान की 70 प्रतिशत आबादी को दर्शाता है. तेंदुओं की गिनती के समय हिमालय और देश के अर्धशुष्क हिस्सों का नमूना नहीं लिया गया है, क्योंकि यह बाघों का निवास स्थान नहीं हैं. 

Advertisement

मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी में थोड़ी बढ़ती दिखाई देती है. 2018 में यह 8071 थी. जो 2022 में बढ़कर 8820 हो गई है.  शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में गिरावट देखी गई. 2018 में यह 1253 थी, जो 2022 में घटकर 1109 हो गई है. 

यह भी पढ़ें: China ने पेश किया चांद पर उनके एस्ट्रोनॉट को ले जाने वाला स्पेसक्राफ्ट, 2030 से पहले पूरा करेगा ह्यूमन मून मिशन... Video

यदि हम उस क्षेत्र को देखें जिसका पूरे भारत में 2018 और 2022 दोनों में नमूना लिया गया था, तो प्रतिवर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में, प्रतिवर्ष -3.4 प्रतिशत की गिरावट हो रही है, जबकि सबसे बड़ी वृद्धि दर मध्य भारत और पूर्वी घाट में 1.5 प्रतिशत थी. 

सबसे ज्यादा तेंदुओं वाले राज्य

Advertisement

मध्यप्रदेशः 2022 में 3907, 2018 में 3421
महाराष्ट्रः 2022 में 1985, 2018 में 1690
कर्नाटकः 2022 में 1879, 2018 में 1783
तमिलनाडुः 2022 में 1070, 2018 में 868

यह भी पढ़ें: INS Jatayu: भारतीय नौसेना में अगले हफ्ते शामिल होगा एक और नौसैनिक बेस, PAK-चीन-मालदीव की हालत होगी खराब

टाइगर रिजर्व या सबसे अधिक तेंदुए की आबादी वाले स्थल- आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और इसके बाद मध्यप्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा हैं. भारत में तेंदुए की आबादी के आकलन का यह पांचवां चक्र (2022) है. यह 18 बाघ राज्यों के भीतर वन आवासों पर केंद्रित है, जिसमें चार प्रमुख बाघ संरक्षण परिदृश्य शामिल हैं.

2000 एमएसएल (30%क्षेत्र) से ऊपर गैर-वन निवास, शुष्क और उच्च हिमालय में तेंदुए का नमूना नहीं लिया गया था. इस चक्र के दौरान शिकार के अवशेषों और शिकार की बहुतायत का अनुमान लगाने के लिए 6,41,449 km तक पैदल सर्वेक्षण किया. कैमरा ट्रैप को 32,803 स्थानों पर रखा गया था. इससे कुल 4,70,81,881 तस्वीरें आईं. इनमें से तेंदुए की 85,488 तस्वीरें मिलीं. 

ये निष्कर्ष तेंदुए की आबादी के संरक्षण में संरक्षित क्षेत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं. जबकि बाघ अभयारण्य महत्वपूर्ण गढ़ों के रूप में काम करते हैं, संरक्षित क्षेत्रों के बाहर संरक्षण अंतराल को संबोधित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. संघर्ष की बढ़ती घटनाएं तेंदुओं और समुदायों दोनों के लिए चुनौतियां पैदा करती हैं.

Advertisement

संरक्षित क्षेत्रों के बाहर तेंदुओं का जीवित रहना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, आवास संरक्षण को बढ़ाने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सरकारी एजेंसियों, संरक्षण संगठनों और स्थानीय समुदायों को शामिल करनेवाले सहयोगात्मक प्रयास आवश्यक हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement