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फिनलैंड में मिली पाषाण युग की कब्र, पंखों और जानवर की फर के साथ दफनाया गया था बच्चा

फ़िनलैंड के जंगल में शोधकर्ताओं को पाषाण काल के एक बच्चे की कब्र मिली है. कब्र से जो चीजें मिली हैं उनसे उस काल में होने वाले अंतिम संस्कारों के बारे में रोचक जानकारी मिलती है. कब्र से बच्चे के दांत मिले हैं, बाकी कोई हड्डी नहीं मिली. वहां से जानवरों की फर और पक्षियों के पंख भी मिले हैं.

बच्चे को कब्र में कुछ इस तरह दफनाया गया होगा (Photo: Tom Björklund) बच्चे को कब्र में कुछ इस तरह दफनाया गया होगा (Photo: Tom Björklund)
aajtak.in
  • हेल्सिंकी,
  • 08 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST

फ़िनलैंड (Finland) के जंगल में, पुरातत्वविदों को एक बच्चे की कब्र के बारे में पता चला है. ये बच्चा पाषाण युग (Stone Age) का था. कब्र में कुछ ऐसी चीजें भी मिली हैं जिनसे उस काल में होने वाले अंतिम संस्कारों के बारे में अलग और रोचक जानकारी मिलती है. 

जंगल में एक पथरीली सड़क के नीचे इस बच्चे की कब्र मिली है. कब्र से बच्चे के दांतों के टुकड़े खोजे गए हैं जो करीब 6,000 साल पहले, मेसोलिथिक काल (Mesolithic period) में रहा करता था. दांतों के अलावा बच्चे की कोई भी हड्डी नहीं मिली. लेकिन कब्र से कुछ जानवरों की फर और पक्षियों के पंख निकाले गए हैं. कहा जा रहा है कि ये उस दौर के अंतिम संस्कार के रीति-रिवाजों में से एक हो सकता है.

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 फ़िनलैंड के जंगल में, पथरीले रास्ते पर गेरू के निशान दिखे थे (Photo: Kristiina Mannermaa)

प्लस वन (PLOS ONE) जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं को कब्र वाली जमीन पर लाल गेरू का एक पैच दिखा, जिससे उन्हें अंदाज़ा हुआ कि इसके नीचे कुछ हो सकता है. आमतौर पर दुनिया भर में प्राचीन दफन स्थलों (Burial sites) और रॉक कला के पास लाल गेरू ज़रूर मिली है, जिसने मानव इतिहास में किसी भी अनुष्ठान में अहम भूमिका निभाई है.

फ़िनलैंड की मिट्टी एसिडिक है, जिसमें मानव अवशेष ज्यादा लंबे समय तक सुरक्षित नहीं रहते. इसी वजह से दफन अवशेषों के बारे में स्टडी करना मुश्किल हो जाता है. टीम को वहां से कंकाल मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी, इसलिए उन्होंने कब्र से माइक्रोपार्टिकल्स की खोज की और उन्हें वहां से जो भी मिला वे उससे बहुत खुश थे. 

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बच्चे की उम्र 10 साल से कम थी

शोध की लेखक क्रिस्टीना मनेरमा (Kristiina Mannermaa) का कहना है कि वहां मिले दांतों की जांच से पता चला कि मृतक एक बच्चा था, जिसकी उम्र 10.5 साल से कम थी. दांतों की रेडियोकार्बन डेटिंग करना संभव नहीं था, इसलिए शोधकर्ताओं ने बच्चे के साथ दफन की गईं पत्थर की कलाकृतियों के आधार पर कब्र की उम्र का पता लगाया. खासकर उन्हें दो क्वार्ट्ज के तीर मिले जो मेसोलिथिक काल की भौतिक संस्कृति के अनुरूप थे.

इस कब्रगाह को मजूनसुओ (Majoonsuo) के नाम से जाना जाता है, जहां से पक्षी के पंख भी मिले. इनमें से सात पंख एक जलपक्षी के थे, जिससे यह पता चलता है कि या तो बच्चे ने पंखों से बना कोट पहना होगा या उसे पंखों के बिस्तर पर लिटाकर दफनाया गया होगा. शोधकर्ताओं को बाज़ के पंख वाला बारबुल भी मिला. बाज़ के पंखों का इस्तेमाल कब्र या मृत बच्चे के कपड़ों को सजाने के लिए किया जाता होगा. 

 

कब्र से कुत्ते के बाल भी मिले 

शोधकर्ताओं को वहां से कुत्ते जैसे किसी जानवर के तीन बाल भी मिले हैं, हालांकि वे अभी साफ तौर पर नहीं कह सकते कि ये बाल किसी कुत्ते के थे या भेड़िए के. क्रिस्टीना कहती हैं कि मजूनसुओ की खोज सनसनीखेज है, भले ही वहां जानवरों के बाल के अलावा कुछ भी नहीं बचा है, कोई दांत भी नहीं है. हम यह भी नहीं जानते कि यह कुत्ते का है या भेड़िए का. मृतकों के साथ दफन कुत्ते भी पाए गए हैं, इसका उदाहरण स्केटहोम में मिलता है, जो दक्षिणी स्वीडन में 7,000 साल पुरानी एक प्रसिद्ध बरियल साइट है.

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हालांकि, माजूनसुओ साइट से कु्त्ते का कोई दांत नहीं मिला जिससे लगता है कि बच्चे को शायद पूरे जानवर के साथ नहीं, बल्कि सिर्फ उसकी फर के साथ दफनाया गया होगा. इन फरों का इस्तेमाल कपड़े या कब्र के सामान के रूप में किया गया होगा. क्रिस्टीना का कहना है कि इन सबसे हमें पाषाण युग में होने वाले अंतिम संस्कारों के बारे में अहम जानकारी मिलती है. इससे पता लगता है कि तब के लोग मृत्यु के बाद की यात्रा के लिए बच्चे को किस तरह तैयार करते थे.


 

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