
थियो जेन्सन (Theo Jansen) वो शख्स हैं जो अजीबो-गरीब तरह की कलाकृतियां बनाते हैं, जिन्हें स्ट्रैंडबीस्ट (Strandbeests) कहा जाता है. थियो इन संरचनाओं के कंकाल को पीले प्लास्टिक ट्यूब से बनाते हैं, इनकी खास बात यह है कि ये बिना किसी पॉवर या बैट्री के चलते हैं. इन्हें इस तरह बनाया गया है कि ये हवा से चलते हैं.
थिये ने इन कलाकृतियों को 1990 से बनाना शुरू किया, और तब से अपनी संरचनाओं में ये लगातार विकास कर रहे हैं. थियो की ये संरचनाएं पूरी तरह से हवा से संचालित हैं. इन्हें चलता देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि ये खुद ब खुद चल रहे होंगे.
असल में थियो ने इन्हें एक प्लानर लेग मेकैनिज़्म के आधार पर बनाया है, जिसे जेन्सन लिंकेज के तौर पर जाना जाता है. थियो की इन कलाकृतियों को अक्सर डच समुद्र तटों पर घूमते, घुमाते या फिसलते हुए देखा जा सकता है.
जब भी बसंत आता है, थियो अपने कंकालनुमा संरचनाओं को समुद्र के किनारे ले आते हैं. और समुद्र से आने वाली हवाओं के ज़रिए चलने वाली इन संरचनाओं को समझते हैं कि किसमें क्या अपडेट किया जा सकता है. थियो कहते हैं गर्मियों के दौरान वे हवा, रेत और पानी के साथ हर तरह के प्रयोग करते हैं.
जब थियो ने इन्हें बनाना शुरू किया था, तो ये महज कला के नमूने थे. लेकिन थियो ने अपनी कला में जान डालने के बारे में सोचा. ताकि ये समुद्र के किनारों पर, अपना जीवन स्वतंत्र रूप से जी सकें. हालांकि वे ये जानते हैं कि आने वाले समय में यह संभव नहीं हो सकेगा, लेकिन उन्होंने कुछ साल पहले नेशनल ज्योग्राफिक को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे कुछ लाख साल और दे दीजिए और स्ट्रैंडबीस्ट तब पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से रहने लगेंगे.
स्ट्रैंडबीस्ट को सबसे पहले जलवायु परिवर्तन के समाधान के रूप में बनाया गया था. सबसे हाल में थियो ने 2020-2021 में 'वोल्ंटम' नाम का स्ट्रक्चर विकसित किया है, जो उड़ता है.