
19 अगस्त 2024 यानी सोमवार, जिस दिन पूरा भारत रक्षाबंधन मना रहा होगा, उस दिन शाम को निकलेगा सबसे बड़ा और चमकीला सुपरमून. वैसे तो इसे ब्लू सुपरमून (Blue Supermoon) बुलाते हैं. लेकिन इसका एक बेहद विचित्र नाम भी है. ये है- स्टरजियॉन मून (Sturgeon Moon). आइए जानते हैं इस विचित्र घटना के पीछे की साइंटिफिक वजह...
स्टरजियॉन मून 19 अगस्त की रात करीब 11.55 बजे सबसे बड़ा और चमकीला दिखाई देगा. असल में ब्लू सुपरमून दो प्रकार के होते हैं. पहला वो जो मंथली ब्लू मून होता है. यानी हर दूसरे हफ्ते दिखने वाला पूर्ण चंद्रमा. दूसरा होता है सीजनल ब्लू मून यानी एक सीजन में दिखने वाले चार पूर्ण चंद्र में से तीसरा वाला.
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गर्मियों का सोल्टिस 20 जून को था. इसलिए पहला पूर्ण चंद्र 22 जून, फिर दूसरा 21 जुलाई और अब तीसरा 19 अगस्त को हो रहा है. यानी ये इस सीजन का तीसरा ब्लू मून है. इसके बाद 18 सितंबर को हार्वेस्ट मून (Harvest Moon) होगा. फिर 22 सितंबर को इक्वीनॉक्स.
कैसे देख सकते हैं इस सुपरमून को?
नासा के मुताबिक सीजनल ब्लू मून हर दो से तीन साल में एक बार आता है. जैसे- अक्तूबर 2020, अगस्त 2021,अब इसके बाद अगला सीजनल ब्लू मून मई 2027 में दिखाई देगा. आप इसे ब़ड़े आराम से अपनी छत या आंगन से देख सकते हैं. अगर आपको चंद्रमा की सतह देखनी है तो दूरबीन का सहारा लेना होगा.
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इसका नाम क्यों पड़ा स्टरजियॉन मून?
नेटिव अमेरिकन इलाका ग्रेट लेक्स में इन दिनों स्टरजियॉन मछलियां दिखाई पड़ती है. इसलिए इस समय निकलने वाले पूर्ण चंद्रमा का नाम स्टरजियॉन रखा गया है. कुछ जगहों पर इसे ग्रेन वाइल्ड राइस मून भी बुलाया जाता है.