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36 दिन बीते..कब धरती पर आएंगे दोनों एस्टोनॉट्स? सुनीता विलियम्स-विलमोर ने अंतरिक्ष से बताई स्टारलाइनर की दिक्कतें

36 दिन हो चुके हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर स्पेस स्टेशन पर ही हैं. लेकिन इस बीच दोनों ने मीडिया से बात की. उन्होंने बताया कि स्टारलाइनर में किस तरह की दिक्कतें आईं थीं. अब सवाल ये उठ रहा है कि ये दोनों किस तरह से और कब वापस आएंगे?

नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथ बुच विलमोर ने बोईंग स्टारलाइनर की दिक्कतों के बारे में बताया. नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और उनके साथ बुच विलमोर ने बोईंग स्टारलाइनर की दिक्कतों के बारे में बताया.
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:05 PM IST

नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेस स्टेशन पर गए हुए 36 दिन हो गए हैं. वो पहली बार बोईंग कंपनी के स्टारलाइनर स्पेसशिप से गए. वो एक ट्रायल उड़ान थी. सफल भी रही. क्योंकि स्पेस स्टेशन पहुंच गए. लेकिन स्टारलाइनर कैप्सूल में कई तरह की दिक्कतें आईं. जिसके बारे में नासा और बोईंग को पता था. 

8 दिन की यात्रा थी दोनों की लेकिन 28 दिन एक्स्ट्रा बिता चुके हैं स्पेस स्टेशन पर. अब तक नहीं पता है कि ये दोनों कब वापस आएंगे धरती पर. खुशी की बात बस इतनी है कि दोनों स्पेस स्टेशन पर सुरक्षित हैं. जब दुनियाभर की मीडिया ने सवाल उठाया तो नासा-बोईंग ने कहा कि दोनों स्पेस स्टेशन पर फंसे नहीं हैं. 

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स्टारलाइनर कैप्सूल की दिक्कत जल्दी खत्म करके उन दोनों को वापस लाया जाएगा. लेकिन 28 दिन बाद भी दोनों संस्थानों की तरफ से इसका कोई सटीक हल मिलता नहीं दिख रहा है. सुनीता और बुच ने बुधवार को स्पेस स्टेशन से पत्रकारों से बात की. उन्होंने बताया कि कैसे लगता है ये जानकर कि आपका स्पेसक्राफ्ट गड़बड़ है. 

जानिए क्या कहा सुनीता और बुच ने स्टारलाइनर के बारे में... 

बुच विलमोर ने कहा कि लॉन्च तो बहुत ही शानदार था. हम दोनों सीट पर बैठे थे. कैप्सूल ने जैसे ही गरजते हुए वायुमंडल पार किया. हमें माइक्रोग्रैविटी महसूस होने लगी. अंतरिक्ष में स्टारलाइनर बेहतरीन परफॉर्म कर रहा था. जब विलमोर से कहा गया कि क्या आप स्टारलाइनर के परफॉर्मेंस को 1 से 10 की रेटिंग में क्या देंगे.

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1 यानी बेस्ट और 10 यानी बेहद खराब. उन्होंने कहा कि 1 रेटिंग नहीं दे सकता, पर एक बार मन हुआ था. इस यान की सटीकता बेहद शानदार है. कम से कम मिशन के दूसरे दिन तक तो इसने बेहतरीन काम किया है. लेकिन जब हम स्पेस स्टेशन के नजदीक पहुंचे स्टारलाइनर के 28 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) थ्रस्टर्स में से एक अचानक बंद हो गया. इसके बाद दूसरे भी ऑफलाइन हो गए. 

थ्रस्टर्स, कंट्रोल और क्षमता में आई थी दिक्कत

विलमोर ने स्पष्ट कहा कि थ्रस्टर्स, कंट्रोल और यान की क्षमता कमजोर हुई थी. हैंडिलिंग के समय दिक्कत आ रही थी. मुझे और सुनीता को मैन्युअली कंट्रोल करना पड़ा था. जबकि ग्राउंड स्टेशन से कैप्सूल की दिक्कत दूर की जा रही थी. पांच RCS थ्रस्टर्स बंद हो गए थे. लेकिन कुछ चल रहे थे. इसके बावजूद डॉकिंग हो गई. 

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स्टारलाइनर स्पेस स्टेशन के नजदीक तक ऑटोमैटिक मोड में पहुंचा था. लेकिन डॉकिंग से ठीक पहले थ्रस्टर्स में दिक्कत आई. इसलिए हमें मैन्युअल कंट्रोल करना पड़ा. नासा को यह भी पता चला था कि स्टारलाइनर के हीलियम सप्लाई में पांच बार लीक हुआ था. इसकी मदद से ही प्रोपल्शन सिस्टम काम करता है. 

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सुनीता एक बार फंसे हुए स्टारलाइनर कैप्सूल में भी गईं 

फिलहाल सुनीता और बुच विलमोर अन्य एस्ट्रोनॉट्स के साथ स्पेस स्टेशन पर एक्सपेरीमेंट्स कर रहे हैं. स्टेशन के मेंटेनेंस का काम कर रहे हैं. सुनीता विलियम्स ने कहा कि हम स्पेस स्टेशन के क्रू के साथ कई तरह के काम में बिजी हैं. सुनीता ने बताया कि वो एक हफ्ते पहले स्टारलाइन कैप्सूल में भी गई थीं. ताकि उसके कंट्रोल को फिर से जांच सकें. ग्राउंड स्टेशन के साथ कॉर्डिनेट करके ये सारा काम किया गया था. 

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