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वैज्ञानिकों ने खोजे स्टायरोफोम खाने वाले Superworms, प्लास्टिक को कर सकते हैं बायोडिग्रेड

शोधकर्ताओं ने ऐसे कीड़े खोज निकाले हैं जो प्लास्टिक वेस्ट से होने वाले प्रदूषण को कम कर सकते हैं. ये कीड़े स्टायरोफोम खाते हैं. इन्हें 'सुपरवर्म' कहते हैं. 

स्टायरोफोम को हजम कर जाते हैं ये कीड़े (Photo: University of Queensland) स्टायरोफोम को हजम कर जाते हैं ये कीड़े (Photo: University of Queensland)
aajtak.in
  • कैनबरा,
  • 13 जून 2022,
  • अपडेटेड 7:29 AM IST
  • ये कीड़े 'सुपरवर्म' प्रजाति से हैं
  • प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में कर सकते हैं मदद 

शोधकर्ताओं को ऐसे कीड़ों का पता चला है जो प्लास्टिक वेस्ट से होने वाले प्रदूषण को कम करने में सहायक हो सकते हैं. ये कीड़े स्टायरोफोम (Styrofoam) खाते हैं. ये 'सुपरवर्म' (Zophobas morio) प्रजाति से हैं. ये मीलवर्म्स (mealworms) और वैक्स वर्म (wax worms) से कम से कम पांच गुना बड़े हो सकते हैं. स्टायरोफोम को पचाने में इनका कोई जवाब नहीं है. 

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दूसरे शब्दों में समझें, तो ये कीड़े प्लास्टिक को तोड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं. ये प्लास्टिक को बायोडिग्रेड करने में लगने वाले समय को बहुत कम कर सकते हैं.

प्लास्टिक को बायोडिग्रेड कर सकते हैं (Photo: University of Queensland)

माइक्रोबियल जीनोमिक्स (Microbial Genomics) जर्नल में प्रकाशित एक नए शोध में, टीम ने इस खोज के बारे में विस्तार से बताया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कीड़ों के तीन कंट्रोल ग्रुप बनाए गए. तीन में से एक ग्रुप को कुछ नहीं दिया गया, एक को चोकर खिलाया गया और एक को प्लास्टिक खिलाया गया.

शोध में पाया गया कि सुपरवर्म के इन तीनों ग्रुप ने सभी आहार खाकर अपना जीवन चक्र पूरा किया. हालांकि पॉलीस्टाइरीन पर पाले गए सुपरवर्म का वजन कम बढ़ा था.

मीलवर्म्स  से पांच गुना बड़े होते हैं ये कीड़े (Photo: University of Queensland)

इस शोध के नतीजों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ये कीड़े शायद बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण संकट से निपटने में हमारी मदद कर सकते हैं. अगर कीड़े प्लास्टिक खा सकते हैं और जीवित रह सकते हैं, तो शायद वे इंसानों द्वारा नदियों और समुद्र में फेंके गए अनगिनत किलो प्लास्टिक को खा सकते हैं.

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इनमें पॉलीस्टाइरीन को पचाने की क्षमता है (Photo: University of Queensland)

लेकिन यह कोई चमत्कारिक इलाज नहीं है. पॉलीस्टाइरीन खाने वाले कीड़े, प्लास्टिक पर मौजूद रोगजनक बैक्टीरिया से पीड़ित थे, जो उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल रहे थे.

 

Skinny legends and still alive. https://t.co/bFcJxj5fPU

— Futurism (@futurism) June 11, 2022

शोधकर्ताओं को इससे काफी उम्मीदें हैं. क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी (University of Queensland) के सीनियर लेक्चरर और शोध के वरिष्ठ लेखक क्रिस रिंकी (Chris Rinke) का कहना है कि हमारे पास सुपरवर्म के पेट में एन्कोड किए गए सभी बैक्टीरियल एंजाइमों की एक लिस्ट है. हम आगे उन एंजाइम की जांच करेंगे जिनमें पॉलीस्टाइरीन को खत्म करने की क्षमता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक ये प्लास्टिक को रीसाइकल करने का बढ़िया और किफायती तरीका हो सकता है. 

 

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