
अगर आप इस तस्वीर को ध्यान से देखेंगे तो आपको लगेगा कि कीचड़ के अंदर मगरमच्छ धीरे-धीरे अपने शिकार की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन असल में ये असली मगरमच्छों की ममी है. मिस्र में बहने वाली नील नदी के पश्चिम में स्थित एक मकबरे में 10 मगरमच्छों की ममियां मिली हैं. इस मकबरे का नाम है कूब्बत अल-हवा. बताया जा रहा है कि मगरमच्छों की ये ममियां करीब 2500 साल पुरानी हैं.
प्राचीन मिस्र में प्रजनन के देवता सोबेक को खुश करने के लिए लोग मगरमच्छ चढ़ाते थे. क्योंकि मिस्र की पौराणिक कहानियों के मुताबिक सोबेक ऐसे देवता थे, जिनका सिर मगरमच्छ का था और शरीर इंसानों का. जो ममियां मिली हैं, वो 10 वयस्क मगरमच्छों की हैं. माना जा रहा है कि ये मगरमच्छ दो अलग-अलग प्रजातियों के हो सकते हैं. इसके बारे में हाल ही में एक रिपोर्ट जर्नल PLoS ONE में प्रकाशित हुई है.
मिस्र की प्राचीन सभ्यता में मगरमच्छ का महत्वपूर्ण किरदार है. इसे वहां के भगवान से जोड़कर देखा जाता है. साथ ही इसे वहां पर पकवान के तौर पर भी देखा जाता था. इसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों का अलग-अलग इस्तेमाल होता था. जैसे मगरमच्छ के फैट से दवाएं बनती थीं. जो शरीर के दर्द, अकड़न और गंजेपन के इलाज में इस्तेमाल होता था. मिस्र में इससे पहले इबिसेस, बिल्लियों और बंदरों के ममी मिल चुके हैं.
इससे पहले भी मगरमच्छ की ममियां मिली हैं लेकिन वो छोटे मगरमच्छों की होती थी. पहली बार है जब इतनी बड़ी मात्रा में वयस्क मगरमच्छों की ममियां खोजी गई हैं. रॉयल बेल्जियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल साइंसेस की आर्कियोजुओलॉजिस्ट डॉ. बी दे कुपेरे ने कहा कि आमतौर पर हमें टुकड़ों में चीजें मिलती हैं. पहली किसी मकबरे में 10 मगरमच्छों की ममियां मिलीं, इसलिए ये खास बात है.
कुपेरे ने बताया कि मुझे स्पेन के जाएन यूनिवर्सिटी के इजिप्टियोलॉजिस्ट अलेजांद्रो जिमेनेज सेरानो ने फोन किया. कहा गया कि आपको कूब्बत अल-हवा आना चाहिए. वहां पहुंची तो मगरमच्छों की ममी देखकर हैरान रह गई. इससे पहले साल 2018 में भी मगरमच्छों की ममियां मिली थीं. लेकिन वो मगरमच्छ बेहद छोटे बच्चे थे. डॉ. कुपेरे इसके बाद ममी में मौजूद मगरमच्छों के दांत, हड्डियों, प्राचीन मल समेत कई हिस्सों की स्टडी की.
डॉ. कुपेरे ने बताया कि जब प्राचीन जीव पाते हैं कहीं तो आपको उस समय के बारे में कई जानकारियां मिलती हैं. जो दस ममियां मिली हैं, उनमें से पांच के सिर्फ सिर वाले हिस्से बचे हैं. एक ऐसा है जो सात फीट लंबा है, और उसके शरीर का लगभग हर हिस्सा सही सलामत है. इन मगरमच्छों को रेज़िन से लिपटे हुए लिनेन कपड़े से लपेटा गया था. यानी अब वैज्ञानिकों इन मगरमच्छों की स्टडी करने के लिए सीटी स्कैन और एक्स-रे का सहारा लेना पड़ेगा.
कुछ ऐसे भी मगरमच्छ मिले हैं, जिनके ऊपर रेज़िन नहीं लगा है. सिर्फ लेनिन कपड़े से लपेटे गए थे. उन्हें कीड़ों ने खाकर खत्म कर दिया है. अब वैज्ञानिकों के पास बड़ा काम ये है कि वो इनकी प्रजातियों का पता करेंगे. किस तरह से उन्हें मारा गया या जिंदा ही ममी बना दिया गया. यह पता करना है. फिलहाल जिन प्रजातियों को लेकर संभावना है वो हैं क्रोकोडाइलस सचस और क्रोकोडाइलस नीलोटिकस.