
आपके शरीर में कितना फैट होगा ये बहुत हद तक उस मौसम का असर हो सकता है, जिस समय आपकी मां ने आपको कंसीव किया. या गर्भधारण किया. ठंड में गर्भधारण करने वाले लोगों का शरीर गर्म में गर्भधारण करने वालों से अलग तरीके से काम करता है.
जापान में 356 वॉलंटियर्स की स्टडी में पाया गया कि ठंड के मौसम में गर्भधारण करने वाले लोगों में एक विशेष प्रकार की वसा अधिक सक्रिय थी. उनमें ब्राउन एडिपोज टिश्यू की गतिविधि अधिक थी. ब्राउन एडिपोज टिश्यू एक प्रकार का वसा है जो ऊर्जा को जलाता है, हमें गर्म रखता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है.
इन लोगों में ऊर्जा की खपत अधिक थी, वजन कम था. उनके शरीर में वसा कम जमा थी, जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. जिन लोगों को अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त माना जाता है, उनमें अक्सर ब्राउन वसा की गतिविधि कम होती है.
ब्राउन फैट है जिम्मेदार
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि ठंड के मौसम में गर्भधारण करने वाले लोगों में ब्राउन वसा की गतिविधि अधिक थी. उनके शरीर में वसा कम जमा थी. शोधकर्ताओं का मानना है कि ब्राउन वसा की गतिविधि ही उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करती है.
यह भी पढ़ें: Arctic में पाया जाने वाला दुर्लभ उल्लू पुलवामा में दिखा, 2 साल बाद आया कश्मीर घूमने
जिस मौसम में कोई व्यक्ति गर्भधारण करता है, उसका उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है. हालांकि जन्मदिन और स्वास्थ्य के बीच कोई सीधा संबंध नहीं मिला, लेकिन गर्भधारण के मौसम और स्वास्थ्य के बीच एक संबंध पाया गया. ठंड के मौसम का पुरुष शुक्राणु या महिला अंडों के जेनेटिक अभिव्यक्ति पर प्रभाव पड़ सकता है. ये परिवर्तन जब दो जर्म कोशिकाएं मिलकर निषेचित होती हैं तो संतान में ये परिवर्तन हो सकते हैं.
सर्दी के मौसम में गर्भधारण से फायदा
ठंड के महीनों में गर्भधारण करने वाले लोगों में सक्रिय ब्राउन वसा ऊतक होने की संभावना 3.2 प्रतिशत अधिक थी. गर्म महीनों में गर्भधारण करने वालों में सक्रिय ब्राउन वसा की कमी थी. अपने अध्ययन में, उन्होंने पुरुष प्रतिभागियों को 2 घंटे के लिए 19 डिग्री सेल्सियस (66 डिग्री फारेनहाइट) के ठंडे तापमान के संपर्क में रखा.
ब्राउन वसा गतिविधि और मेटाबोलिक गतिविधि का मूल्यांकन कर सकें. उत्तरी गोलार्ध में ठंड के मौसम (जनवरी से अप्रैल और अक्टूबर से दिसंबर) में गर्भधारण करने वालों में ब्राउन वसा अधिक सक्रिय थी, जबकि गर्म मौसम (अप्रैल से अक्टूबर) में गर्भधारण करने वालों में यह कम थी.