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जंगल की भयानक आग में भी बच जाते हैं ये जीव, वैज्ञानिकों से जानें इसकी वजह 

कहते हैं आग से कुछ नहीं बचता, ये हर चीज़ को खाक कर देती है. लेकिन वैज्ञानिकों को ऐसे जीवों के बारे में पता चला है जिनका आग भी कुछ बिगाड़ नहीं पाती. 

सोबेरेन्स मेगाफायर में भी बच गए ये सूक्ष्मजीव (Photo: CalFire) सोबेरेन्स मेगाफायर में भी बच गए ये सूक्ष्मजीव (Photo: CalFire)
aajtak.in
  • सैकरामेंटो,
  • 05 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST
  • Soberanes Megafire में भी बच गए ये सूक्ष्मजीव
  • भीषण आग के बाद उगे और तेजी से बढ़े भी ये जीव

दुनिया में ऐसे कई सूक्ष्मजीव पाए गए हैं जो असाधारण परिस्थितियों में भी जीवित रहते हैं. लेकिन एक नए शोध से ऐसे रोगाणुओं (Microbes) का पता चला है जिन्हें अब तक का सबसे मजबूत सूक्ष्मजीव कहा जा सकता है. क्योंकि ये भयानक आग में रहकर भी बच जाते हैं.

मॉलिक्यूलर इकोलॉजी (Molecular Ecology.) में प्रकाशित शोध में ऐसे फंगी (Fungi) और बैक्टीरिया (Bacteria) के बारे में बताया गया है, जो न केवल कैलिफोर्निया के रेडवुड टैनोक जंगलों में 2016 के सोबेरेन्स मेगाफायर (Soberanes Megafire) से बचे, बल्कि आग के बाद पनपे भी थे. अगर यह पता चले कि ऐसा कैसे और क्यों होता है, तो इससे जंगल की आग से प्रभावित इलाकों की रिकवरी में मदद मिल सकती है. इसमें कहा गया है कि आग का विश्लेषण करने से पता चलता है कि जो माइक्रोब्स जीवित थे, वे आनुवंशिक रूप से जुड़े हुए हैं.  

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यह एक तरह की फंगी है जो जीवित रही (Photo: University of California)

रिवरसाइड की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (University of California, Riverside) के माइकोलॉजिस्ट सिडनी ग्लासमैन ( Mycologist Sydney Glassman) कहते हैं कि इन माइक्रोब्स के पास ऐसी क्षमताएं हैं जिससे यह आग से बचते हैं. 2000 के दशक के मध्य में, ओक के पेड़ों को खत्म कर देने वाली बीमारी Sudden Oak Death के प्रकोप का अध्ययन करने के लिए मिट्टी के नमूने लिए गए थे. उन्होंने 2013 में नमूने इकट्ठा किए. उनकी तुलना 2016 में आग लगने के तुरंत बाद लिए गए नमूनों से की.

शोध में पाया गया कि फंगी की प्रजातियों में 70 प्रतिशत तक की गिरावट आई थी, जबकि बैक्टीरिया की प्रजातियों में प्रति नमूना, 52 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी. लेकिन एक्टिनोबैक्टीरिया (Actinobacteria) और फर्मिक्यूट्स (Firmicutes) समेत कुछ माइक्रोब्स जीवित पाए गए थे. आपको बता दें कि एक्टिनोबैक्टीरिया पौधों को डीकंपोज़ होने में मदद करता है और फर्मिक्यूट्स पौधों के रोगजनकों को नियंत्रित करता है साथ ही पौधों को बढ़ने में मदद भी करता है.

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आग से जली मिट्टी से लिए गए माइक्रोब्स (Photo: University of California)

फंगी के लिए, गर्मी प्रतिरोधी बेसिडिओस्कस (Basidioascus) यीस्ट में भारी वृद्धि देखी गई. यीस्ट लकड़ी को नष्ट करता है जिसमें लिग्निन (Lignin) भी शामिल है. लिग्निन पौधे की कोशिका की दीवारों का कठोर हिस्सा जो उन्हें संरक्षित रखता है. पेनिसिलियम (Penicillium) भी एक और प्रजाति है जो आग से बची रही.

शोधकर्ताओं की टीम अब यह पता लगाने के लिए उत्सुक है कि ये अलग-अलग माइक्रोब्स इतनी संख्या में कैसे बढ़ गए. संभावना है कि अलग-अलग माइक्रोब्स ने अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल किया होगा.

 

This little fungus can thrive through megafires, and it's teaching scientists about restoration after these horrible events. ​Analysis showed that microbes that did subsequently flourish are genetically linked. Read more: https://t.co/dd1c3lGRPh

​📷: Dylan Enright/UCR pic.twitter.com/uNrrAQ2o9a

— ScienceAlert (@ScienceAlert) May 4, 2022

फिलहाल, इस बारे में बहुत कुछ नहीं पता है कि मिट्टी और उनके माइक्रोबायोम (Microbiomes) मेगाफायर से कैसे बचते हैं, क्योंकि यह पहले से बताना बहुत मुश्किल होता है कि आग की लपटें कहां उठेंगी और किस तरफ जाएंगी.विशेषज्ञों का अगला कदम होगा, इन फंगी और बैक्टीरिया की सरवाइवल रणनीतियों का पता लगाना और उनकी मदद से जंगलों की बहाली के प्रयास करना, जिससे जंगल फिर से अपनी पुरानी स्थिति में वापस आ जाएं. 

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