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पोम्पेई की खुदाई में मिला कछुआ और उसका अंडा, ज्वालामुखी विस्फोट से बर्बाद हो गया था शहर

करीब 2000 साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट की चपेट में आए शहर की खुदाई में एक प्रेगनेंट कछुआ और उसका अंडा मिला है. अंडा देने के पहले ही कछुए की मौत हो गई थी.

कछुए ने अंडा देने के लिए चुना था खंडहर, लेकिन दे नहीं सका (Photo: AFP)  कछुए ने अंडा देने के लिए चुना था खंडहर, लेकिन दे नहीं सका (Photo: AFP)
aajtak.in
  • रोम,
  • 27 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST
  • कछुए ने खंडहर में शरण ली थी
  • कछुआ की लंबाई 5.5 इंच थी

79 ईस्वी में ज्वालामुखी विस्फोट में दबे रोमन शहर पोम्पेई (Pompeii) में, पुरातत्वविदों ने एक कछुए और उसके अंडे के अवशेषों को खोजा है. ये प्रेगनेंट कछुआ एक टूटे हुए घर के गोदाम के फर्श के नीचे छिपा हुआ पाया गया था. संभावना जताई जा रही है कि विसुवियस ज्वालामुखी के फटने से पहले ही उसकी मृत्यु हो चुकी थी.

यह 5.5 इंच लंबा हरमन कछुआ (Hermann's tortoise) था. पुरातत्वविदों का मानना है कि कछुए की यह प्रजाति दक्षिणी यूरोप में आम है. इस कछुए ने एक ऐसे घर के मलबे में शरण ली थी जो भूकंप से बहुत बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था.

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अंडा देने के लिए एक खंडहर की शरण ली थी (Photo: AFP)

मानव विज्ञानी वेलेरिया अमोरेटी (Valeria Amoretti) का कहना है कि इस कछुए ने अंडे देने के लिए एक गड्ढा खोदा था, लेकिन वह अंडा दे नहीं पाया, जिससे हो सकता है उसकी मौत हो गई हो. 

62 ईस्वी में एक भयानक भूकंप से तबाह हुए इलाके की खुदाई के दौरान, ये चीजें सामने आईं. यह साइट मूल रूप से एक बड़ा घर था, जिसमें पेंटिंग भी थीं जो पहली शताब्दी ईसा पूर्व की थीं.

कछुए का अंडा  (Photo: AFP)

पुरातत्वविदों को इस बात की जानकारी नहीं है कि इस इमारत को बहाल क्यों नहीं किया गया और इस जगह को सार्वजनिक स्नान घर बना दिया गया.

 

पोम्पेई के महानिदेशक गेब्रियल ज़ुचट्रीगल (Gabriel Zuchtriegel) का कहना है कि सभी घरों को दोबारा नहीं बनाया गया था और इस इलाके, खासकर केंद्र वाले इलाके इस हद तक खराब हो गए थे कि वहां जंगली जानवरों ने रहना शुरू कर दिया था. 


 

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