Turkey's Earthquake: चार प्लेटों के जंक्शन पर बसा है तुर्की, इसलिए भूकंप से होती है ज्यादा तबाही, 24 साल में 18 हजार मौतें

तुर्की (Turkey) के इतिहास में दूसरी बार सबसे अधिक तीव्रता का भूकंप (Earthquake) आया है. पिछले 24 वर्षों में भूकंपों की वजह से तुर्की के 18 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की असल में चार टेक्टोनिक प्लेटों को जंक्शन पर बसा है. किसी भी प्लेट में हलचल हुई तो तबाह तुर्की होता है. जानिए इन भूकंपों की वजह.

Advertisement
तुर्की के मलातया इलाके की प्रसिद्ध येनी मस्जिद भी भूकंप से टूटकर गिर गई. (फोटोः गेटी) तुर्की के मलातया इलाके की प्रसिद्ध येनी मस्जिद भी भूकंप से टूटकर गिर गई. (फोटोः गेटी)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

तुर्की (Turkey) में 6 फरवरी 2023 की सुबह करीब सवा चार बजे 7.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसके केंद्र गजियांटेप इलाके में था. अब तक मौतों का आंकड़ा स्पष्ट नहीं है, लेकिन सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबर है. दर्जनों इमारतें गिर गई हैं. पेट्रोल की पाइपलाइन फटने से कई जगहों पर आग लग गई है. गजियांटेप सीरिया सीमा के पास स्थित है. सीरिया में भी तबाही मची है. पिछले 24 वर्षों में आए भूकंपों की वजह से तुर्की में 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 

Advertisement

7.8 तीव्रता के भूकंप के बाद 7.5 तीव्रता का दूसरा बड़ा भूकंप आया. इससे लोग खौफ में आ गए. दोनों भूकंपों ने तुर्की और सीरिया को कम से कम छह बार जोर-जोर से हिलाया. सबसे बड़ा झटका 40 सेकेंड तक महसूस किया गया. इसी ने सबसे ज्यादा तबाही भी मचाई. असल में तुर्की चार टेक्टोनिक प्लेटों के जंक्शन पर बसा हुआ है. इसलिए किसी भी प्लेट में जरा सी हलचल पूरे इलाके को हिला देता है. 

यहां आप देख सकते हैं कि एनाटोलियन प्लेट पर किधर-किधर से दबाव बन रहा है. (फोटोः माइक नॉर्टन/विकिपीडिया)

तुर्की का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन प्लेट (Anatolian Plate) पर है. एनाटोलियन का मतलब है छोटा एशिया (Asia Minor). इस प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है. बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है. जो अरेबियन प्लेट (Arabian Plate) के साथ जुड़ता है. दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट (African Plate) है. जबकि, उत्तर दिशा की तरफ यूरेशियन प्लेट है, जो उत्तरी एनाटोलियन फॉल्ट जोन से जुड़ा है. 

Advertisement

घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रही है एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट

तुर्की के नीचे मौजूद एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट घड़ी के विपरीत दिशा में घूम रहा है. यानी एंटीक्लॉकवाइज. साथ ही इसे अरेबियन प्लेट धक्का दे रही है. अब ये घूमती हुई एनाटोलियन प्लेट को जब अरेबियन प्लेट धक्का देती है, तब यह यूरेशियन प्लेट से टकराती है. तब भूकंप के तगड़े झटके लगते हैं. 

इस नक्शे में स्पष्ट तौर से दिख रही हैं तुर्की के चारों तरफ की प्लेटें. (फोटोः alataristarion)

एक थ्योरी ये भी है कि एनाटोलियन टेक्टोनिक प्लेट धरती के क्रस्ट (Crust) का वह तैरता हुआ बड़ा हिस्सा है, जो तीन प्लेटों के बीच समुद्र में तैर रहा है. उत्तरी एनाटोलियन प्लेट की स्टडी के बाद पता चला है कि वह एनाटोलिया यूरेशियन प्लेट से अलग हो चुकी है. अब इसे अरेबियन प्लेट दबा रहा है. जबकि यूरेशियन प्लेट इस दबाव को रोक रही है. अफ्रीकन प्लेट लगातार एनाटोलियन प्लेट के नीचे धंस रही है. ये प्राकृतिक घटना साइप्रस के नीचे हो रहा है. 

7 रिक्टर के ऊपर कब और कितने भूकंप आए, कितने लोग मारे गए 
 
7.8 तीव्रताः तुर्की में आज आए भूकंप की बराबर तीव्रात का भूकंप इससे पहले 1939 में आया था. उसमें 32,700 से ज्यादा लोग मारे गए थे. 
7.6 तीव्रताः 17 अगस्त 1999 में तुर्की के इजमित में भूकंप आया. इसमें 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. उससे पहले 23 जुलाई 1784 को एरजिनकान में इसी पैमाने का भूकंप आया था. जिसमें 5 से 10 हजार लोगों के मारे जाने का अनुमान है. 
7.5 तीव्रताः इस तीव्रता के तुर्की में अब तक छह भूकंप आए हैं. 13 दिसंबर 115 सीई में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसमें ढाई लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. 23 फरनरी 1653 को आए भूकंप में 2500 लोग मारे गए. 7 मई 1930 को आए भूकंप में 2500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 26 नवंबर 1943 को आए भूकंप में करीब 5 हजार लोग मारे गए थे. 1 फरवरी 1944 में फिर इसी तीव्रता का भूकंप आया. चार हजार लोग मारे गए. 24 नवंबर 1976 को आए भूकंप में चार हजार लोग मारे गए. 

Advertisement

7.4 तीव्रताः इस तीव्रता का भूकंप एक ही बार आया है. ये बात है 2 जुलाई 1840 की है. इस भूकंप में 10 हजार लोग मारे गए थे. 
7.3 तीव्रताः 3 अप्रैल 1881 में आए भूकंप से 7866 लोगों की मौत हुई. 10 अक्टूबर 1883 को आए भूकंप से 120 लोग मारे गए. 9 अगस्त 1953 को आए भूकंप से 216 लोग मारे गए. 
7.2 तीव्रताः 10 सितंबर 1509 में आए भूकंप से 10 हजार लोग मारे गए. 3 अप्रैल 1872 में 1800 लोग मारे गए. 18 मार्च 1953 को 265 लोग, 12 नवंबर 1999 में 894 लोग, 28 मार्च 1970 को 1086 लोग और 23 अक्टूबर 2011 को 604 लोग मारे गए. 
7.1 तीव्रताः 22 मई 1766 को 4 हजार लोग मारे गए. 20 सितंबर 1899 को 1470 लोग मारे गए. 25 अप्रैल 1957 को 67 लोग और 26 मई 1957 को 52 लोग मारे गए. 
7.0 तीव्रताः 13 जुलाई 1688 को 10 हजार लोग मारे गए. 10 जुलाई 1894 को 1300 लोग मारे गए. 6 अक्टूबर 1964 को 23 लोग मारे गए. 20 दिसंबर 1942 को तीन हजार लोग मारे गए. 30 अक्टूबर 2020 में 117 लोग मारे गए. 

 

तुर्की में आए भूकंप की वजह से इमारतें गिर गईं. कारें क्षतिग्रस्त हो गईं. (फोटोः गेटी)

तुर्की में किस महीने रहता है भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा

Advertisement

जनवरी- पांच भूकंप. 
फरवरी- सात भूकंप.
मार्च- छह भूकंप. 
अप्रैल - पांच भूकंप. 
मई - नौ भूकंप. 
जून - पांच भूकंप. 
जुलाई- आठ भूकंप.
अगस्त- सात भूकंप.
सितंबर- सात भूकंप.
अक्टूबर- नौ भूकंप.
नवंबर - छह भूकंप.
दिसंबर - चार भूकंप. 
 
किस दौर में कितने लोग मारे गए

- 1900 से पहले तुर्की में भूकंपों की वजह से 6 लाख से ज्यादा मौतें हुई थीं.
- 1900 से 1999 तक करीब 70 हजार मौतें. 
- 2000 से अब तक करीब 1000 मौतें. 

तुर्की में भयानक आपदा आई है. अभी तक मरने वालों की सही संख्या का पता नहीं चला है. (फोटोः गेटी)

जानिए क्या होती हैं टेक्टोनिक प्लेट्स

हमारी पृथ्वी प्रमुख तौर पर चार परतों से बनी है. यानी इनर कोर (Inner Core), आउटर कोर (Outer Core), मैंटल (Mantle) और क्रस्ट (Crust). क्रस्ट सबसे ऊपरी परत होती है. इसके बाद होता है मैंटल. ये दोनों मिलकर बनाते हैं लीथोस्फेयर (Lithosphere). लीथोस्फेयर की मोटाई 50 किलोमीटर है. जो अलग-अलग परतों वाली प्लेटों से मिलकर बनी है. जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) कहते हैं. 

क्यों आता है भूकंप? 

धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं. रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं. 

Advertisement

क्या होता है रिक्टर पैमाना?

रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है. 

बताया जा रहै कि तुर्की में सैकड़ों इमारतें भूकंप की वजह से क्षतिग्रस्त हुई हैं. (फोटोः एपी)

दुनिया का सबसे भयावह भूकंप

वैज्ञानिकों को मानव इतिहास के अब तक के सबसे बड़े भूकंप के बारे में पता चला है. चिली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डिएगो सालाजार ने इस बारे में रिसर्च किया. इस भयानक भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 9.5 थी. इस भूकंप से 8000 किलोमीटर तक सुनामी आई थी. उस समय धरती पर रह रहे इंसानों 1000 साल तक आसपास के समुद्र तटों को छोड़ना पड़ा था. यह भूकंप 3800 साल पहले आया था. जहां ये आया था, उसे अब उत्तरी चिली कहा जाता है. एक टेक्टोनिक प्लेट के टूटने से इस इलाके की तटरेखा (Coastline) ऊपर उठ गई थी. भूकंप की वजह से सुनामी की 66 फीट लंबी लहरें उठी थीं. 

Advertisement

सबसे बड़ा भूकंप वाल्डिविया में आया था

अब तक, रिकॉर्ड किया गया सबसे बड़ा भूकंप 1960 में आया वाल्डिविया भूकंप (Valdivia earthquake) था. यह 9.4 से 9.6 के बीच की तीव्रता का था. इसने दक्षिणी चिली को हिलाकर रख दिया था. इस भूकंप में 6,000 लोग मारे गए थे. इसकी वजह से प्रशांत महासागर में बार-बार सुनामी आई. वाल्डिविया भूकंप जिस टेक्टोनिक प्लेट के टूटने की वजह से आया, उसकी लंबाई 800 किमी थी. 

चार प्रकार के होते हैं भूकंप 

भूकंपों के चार प्रकार होते हैं. पहला इंड्यूस्ड अर्थक्वेक (Induced Earthquake) यानी ऐसे भूकंप जो इंसानी गतिविधियों की वजह से पैदा होते हैं. जैसे सुरंगों को खोदना, किसी जलस्रोत को भरना या फिर किसी तरह के बड़े भौगोलिक या जियोथर्मल प्रोजेक्ट्स को बनाना. बांधों के निर्माण की वजह से भी भूकंप आते हैं. 

दूसरा होता है वॉल्कैनिक अर्थक्वेक (Volcanic Earthquake) यानी वो भूकंप जो किसी ज्वालामुखी के फटने से पहले, फटते समय या फटने के बाद आते हैं. ये भूकंप गर्म लावा के निकलने और सतह के नीचे उनके बहने की वजह से आते हैं. 

तीसरा होता है कोलैप्स अर्थक्वेक (Collapse Earthquake) यानी छोटे भूकंप के झटके जो जमीन के अंदर मौजूद गुफाओं और सुरंगों के टूटने से बनते हैं. जमीन के अंदर होने वाले छोटे विस्फोटों की वजह से भी ये आते हैं.

Advertisement

चौथा है एक्सप्लोसन अर्थक्वेक (Explosion Earthquake) इस तरह के भूकंप के झटके किसी परमाणु विस्फोट या रसायनिक विस्फोट की वजह से पैदा होते हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement