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प्रशांत महासागर की गहराई में मिली 39 अजीबोगरीब प्रजातियां

गहरे समुद्र में दुनिया के अजीबोगरीब जीव पाए जाते हैं. ये जीव देखने में बेहद अजीब हैं. प्रशांत महासागर में समुद्री जीवों की नई प्रजातियों के बारे में पता लगा है, जिनके बारे में वैज्ञानिक अभी तक अनजान थे.

पीले रंग का सी कुकुंबर, जिसे गमी स्क्वेरल नाम दिया गया है (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA) पीले रंग का सी कुकुंबर, जिसे गमी स्क्वेरल नाम दिया गया है (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA)
aajtak.in
  • लंदन,
  • 29 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST
  • 48 अलग-अलग तरह की प्रजातियों का पता चला
  • 39 प्रजातियां वैज्ञानिकों के लिए एकदम नई

प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) की गहराई में, वैज्ञानिकों को 30 से ज्यादा नई प्रजातियां मिली हैं. ये समुद्री जानवरों की वे प्रजातियां हैं जो समुद्री तल पर पाई जाती हैं. इन समुद्री जीवों का रंग-रूप और आकार विचित्र है. कोई चिपचिपी गिलहरी जैसा है तो कोई सैंडल जैसा. इन बेहद अजीबोगरीब जानवरों के बारे में ज़ूकीज़ (ZooKeys) जर्नल में बताया गया है.

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एक समुद्री खोज के दौरान, इन नई प्रजातियों के बारे में पता चला है. यह खोज नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम लंदन (MHM) से जुड़ी है, जो क्लेरियन-क्लिपरटन ज़ोन (Clarion-Clipperton Zone) के तल पर की गई. यह इलाका मध्य प्रशांत में हवाई और मैक्सिको के बीच 45 लाख वर्ग किलोमीटर के इलाके में है. 

Sea Cucumber की कई प्रजातियां मिलीं (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA)

इस खोज में 48 अलग-अलग तरह की प्रजातियों का पता चला है, जिनमें से 39 प्रजातियां ऐसी हैं जो विज्ञान के लिए अभी तक अनजान थीं.

पहले, क्लेरियन-क्लिपरटन ज़ोन में रहने वाले जानवरों का अध्ययन केवल तस्वीरों और वीडियो फुटेज के जरिए ही किया गया था. लेकिन चीजों को उठाने वाले रोबोटिक पंजे से लैस रिमोट-ऑपरेट वाहन की मदद से खोजी दल, जानवरों को सतह से उठाने में सक्षम थे. जसके बाद उनका बारीकी से अध्ययन और आनुवंशिक रूप से विश्लेषण किया जा सकता था.

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पेनिआगोन विट्रिया (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA)

शोध के मुख्य लेखक, नेचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम के डॉ ग्वाडालूपे ब्रिबिस्का-कॉन्ट्रेरास (Guadalupe Bribiesca-Contreras) का कहना है कि यह शोध सिर्फ यहां मिलने वाली नई प्रजातियों की वजह से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसलिए भी है कि इन मेगाफौना नमूनों का अध्ययन पहले केवल तस्वीरों के माध्यम से किया गया था.

रोबोटिक पंजे से समुद्री जीवों को आसानी से उठाया गया​​​​​​ (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA)

उन्होंने आगे कहा कि नमूनों और उनके पास मौजूद डीएनए डेटा के बिना, हम जानवरों की ठीक से पहचान नहीं कर सकते. साथ ही, यह भी नहीं समझ सकते हैं कि इनकी कितनी अलग-अलग प्रजातियां हैं. ज्यादातर नमूने 15,748 फीट से ज्यादा गहरे तल से इकट्ठा किए गए थे, हालांकि कुछ को थोड़ा कम गहराई पर पाया गया था.

स्टारफिश की नई प्रजाति मिली (Photo: Gordon & Betty Moore Foundation & NOAA)

इस खोज में स्टारफिश की एक नई प्रजाति भी मिली, जो समुद्रतल पर थकी हुई लेटी थी. इनमें सी कुकुंबर की नई प्रजातियां भी थीं, साथ ही कई कीड़े, जेलिफ़िश, कोरल और कई अकशेरुकी जीव भी पाए गए. इन प्रजातियों के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी.

 

खोज में कुछ जाने-पहचाने जीव भी देखे गए. इनमें से एक साइक्रोपोट्स डिस्क्रिटा (Psychropotes dyscrita) था. यह पीले रंग का सी कुकुंबर था जिसे गमी स्क्वेरल (चिपचिपी गिलहरी) कहा गया है. इसके बारे में पहली बार 1920 में बताया गया था. इसके अलावा एक और सी कुकुंबर पेनिआगोन विट्रिया (Peniagone vitrea) भी पाया गया, जिसे 1870 के दशक में खोजा गया था.

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