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क्या होता है जब ज्वालामुखी पर गिरती है आसमान से बिजली... Video देख हैरान हो जाएंगे आप

बिजली हमेशा आसमान से गिरती है. लेकिन ज्वालामुखी पर जब बिजली गिरती है, तो ऐसा लगता है जैसे ज्वालामुखी आसमान की तरफ बिजली फेंक रहा है. क्या होता है जब आसमान से ज्वालामुखी पर बिजली गिरती है. यहां दिए गए Video देख कर आप हैरान हो जाएंगे. कई बार इसे रिवर्स लाइटनिंग भी कहते हैं.

ग्वाटेमाला के इस 13 हजार फीट ऊंचे ज्वालामुखी पर अक्सर ऐसे ही बिजलियां गिरती हैं. (फोटोः गेटी) ग्वाटेमाला के इस 13 हजार फीट ऊंचे ज्वालामुखी पर अक्सर ऐसे ही बिजलियां गिरती हैं. (फोटोः गेटी)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:56 PM IST

आपने थंडरस्टॉर्म के दौरान बिजली कड़कते और गिरते देखी होगी. लेकिन कभी ज्वालामुखी के ऊपर आसमान से बिजली गिरते देखी है. ये नजारा बेहद डरावना और हैरान करने वाला होता है. इस आसमानी आतिशबाजी के पीछे बड़ी ही रोचक वैज्ञानिक कहानी होती है. ऐसा ही एक ज्वालामुखी है ग्वाटेमाला में. 

यहां नीचे देखिए Video... 

ग्वाटेमाला के एंटीगुआ शहर में मौजूद आकाटेनांगो ज्वालामुखी है. यह एक स्ट्रैटोवॉल्कैनो है. यानी इसमें जब भी विस्फोट होता है, इसकी राख स्ट्रैटोस्फेयर तक जाती है. वायुमंडल में फैल जाती है. विस्फोट के बाद ही इस ज्वालामुखी का आसमान से कनेक्शन बनता है. कैसे... बिजलियों के जरिए. 

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ऐसा लगता है कि ज्वालामुखी अपने मुंह से बिजली निकाल कर आसमान को डरा रहा हो. असल में इस ज्वालामुखी से निकलने वाली राख चार्ज्ड होती है. वह आसमान से बिजली को अपनी ओर आकर्षित करती है. ये बिजली ऑक्टोपस की तरह कई हिस्सों में बंटकर आसमान की ओर जाती है.  

आकाटेनांगो ज्वालामुखी 13,045 फीट ऊंचा है. इस ज्वालामुखी में एक क्रेटर नहीं है. इसके ऊपर पांच या इससे ज्यादा जगहों से विस्फोट होता है. इस ज्वालामुखी में पिछले 2 लाख साल से विस्फोट होता आ रहा है. इस ज्वालामुखी के दक्षिणी हिस्से में प्रशांत महासागर है. जबकि, उत्तर की तरफ ग्वाटेमाला के पहाड़ी इलाके हैं. 

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आधुनिक इतिहास में इसके विस्फोट की जो जानकारी है, वो बेहद कम है. 1924 से 1927 के बीच इसमें कई विस्फोट हुए थे. इसके बाद 1972 में विस्फोट हुआ था. तब इसमें से निकली राख और लावा 25 km दूर तक गए थे. जब भी यहां पर विस्फोट होता है, उनसे इसके लावे और कचरे का एवलांच बनता है. 

यहां पर प्राचीन विस्फोट से बना सबसे लंबा एवलांच 50 km लंबा था. इससे करीब 300 वर्ग km का इलाका घेरा हुआ है. आकाटेनांगो ज्वालामुखी की घाटी में कॉफी का उत्पादन काफी ज्यादा होता है.  

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