
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसी दवा बनाई है, जिसे खाने के बाद कसरत करने की जरूरत नहीं. यह गोली को खाने के बाद शरीर में वहीं बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जो एक्सरसाइज के बाद दिखता है. फिलहाल इसका परीक्षण चूहों पर किया जा रहा है. वहां वैज्ञानिकों को काफी सफलता भी मिली है.
इस दवा को फिलहाल एक्सरसाइज पिल (Exercise Pill) बुलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि चूहों को जब यह गोली खिलाई गई. उनके शरीर का मेटाबॉलिज्म ठीक वैसा हो गया, जैसा कसरत के बाद होता है. लगातार यह दवा देने पर चूहों की मांसपेशियों की ताकत में इजाफा हुआ. फिटनेस सुधरी. उनकी शारीरिक क्षमता बढ़ गई.
यह भी पढ़ें: ISRO ने उतारा पुष्पक विमान, भारत के भविष्य का अंतरिक्षयान तैयार
इस दवा का रासायनिक नाम SLU-PP-332 है. इस दवा को लेकर सामने आए रिजल्ट को वैज्ञानिकों ने अमेरिकन केमिकल सोसाइटी में पेश किया. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के लीड रिसर्चर और केमिस्ट बाहा एलगेंडी ने कहा कि यह आराम से निगलने वाली गोली है. इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सुधर जाता है.
इस गोली से भविष्य में हो सकता है बड़ी बीमारियों का इलाज
एलगेंडी का कहना है कि अगर इंसानों के शरीर में यह गोली इसी तरह का असर दिखाती है, जैसा चूहों में दिख रहा है. तो यह काफी बड़ा बदलाव होगा. इसका इस्तेमाल कई दुर्लभ बीमारियों को ठीक करने में किया जा सकता है. असल में जब कोई इंसान कसरत करता है. तब शरीर में एस्ट्रोजेन रिलेटेड रिसेप्टर्स (ERRs) एक्टिव हो जाते हैं.
यह भी पढ़ें: पहली उड़ान के लिए तैयार नया Tejas... पाकिस्तान की हालत होने वाली है खराब
शरीर में लाता है कई तरह के बदलाव, देता है ऐसे फायदे
ये रिसेप्टर्स मांसपेशियों, दिल और दिमाग के ऊतकों यानी टिश्यू में पाए जाते हैं. ये रिसेप्टर्स मेटाबॉलिज्म, इम्यूनिटी, इंफ्लेमेशन, होमियोस्टेसिस, शारीरिक विकास, कोशिकाओं की ग्रोथ और रिप्रोडक्शन में मदद करते हैं. यानी इस एक्सरसाइज पिल को लेने से ये रिसेप्टर्स एक्टिव होते हैं, जो आमतौर पर कसरत करने से सक्रिय होते हैं.
इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल्स की परमिशन मांगी गई है
एलगेंडी ने बताया फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी इस तरह की दवाई बनाने की कोशिश की थी. लेकिन वह सफल नहीं हुए. हमने इस दवा को बनाने के लिए पहले एक स्टार्टअप दवा कंपनी बनाई. इसका नाम पेलाजो फार्मास्युटिकल है. हमारे परीक्षण चूहों पर सफल रहे हैं. क्लीनिकल ट्रायल्स की अनुमति मांगी गई है.
शारीरिक क्षमता में 80 फीसदी की बढ़ोतरी
ये दवा लेने के बाद चूहों की शारीरिक क्षमता में 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जब दवा की डोज दो बार दी गई तब उनकी क्षमता में 10 फीसदी और बढ़ोतरी हुई. एलगेंडी कहते हैं कि यह कहना ठीक नहीं होगा कि कसरत की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह दवा एक्सरसाइज को रिप्लेस नहीं कर सकती. लेकिन उसके जैसे फायदे दे सकती है.