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Starship: क्या है स्टारशिप रॉकेट, जिसे SpaceX ने जानबूझकर समंदर में लैंड कराया...

SpaceX ने जानबूझकर अपने अपने स्टारशिप को मेक्सिको की खाड़ी में गिराया. लेकिन क्यों? जबकि वह उसे लॉन्चर के रोबोटिक आर्म में पकड़ सकता था. पर ये स्टारशिप है क्या. इससे स्पेसएक्स और दुनिया को क्या फायदा होगा, जो Elon Musk इसके इतने परीक्षण कर रहे हैं.

इस वीडियोग्रैब में आप देख सकते हैं कि मेक्सिको की खाड़ी में लैंड करने से ठीक पहले स्टारशिप. (फोटोः SpaceX) इस वीडियोग्रैब में आप देख सकते हैं कि मेक्सिको की खाड़ी में लैंड करने से ठीक पहले स्टारशिप. (फोटोः SpaceX)
आजतक साइंस डेस्क
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST

SpaceX ने अपने स्टारशिप रॉकेट (Starship Rocket) की 19 नवंबर 2024 को लॉन्चिंग की. स्टारशिप बादलों के ऊपर तक गया. इसके बाद वापस खुद से नीचे आया. इस पूरी यात्रा के दौरान स्टारशिप के 33 रैप्टर इंजनों पर नजर रखी जा रही थी. ताकि ये पता चल सके कि ये सभी सही से काम कर रहे हैं या नहीं. 

स्टारशिप तय प्लान के मुताबिक ऊपर गया. स्टारबेस के पैड से लॉन्च हुआ. स्टेज सेपरेशन सही तरीके से हुआ. बूस्टर ने तरीके से काम किया. कैच टावर पर लैंड करने के बजाय स्टारशिप ने पहले से तैयार प्लान के मुताबिक समंदर की तरफ मुड़ गया. इस दौरान उसकी प्री-प्लान्ड डायवर्ट मैन्यूवर किया. यानी तय जगह से अलग जाना था.

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ये अलग जगह थी मेक्सिको की खाड़ी, जिसमें स्टारशिप ने सॉफ्ट स्प्लैशडाउन किया. यानी धीमे से पानी पर लैंडिंग. इसके पीछे स्पेसएक्स का क्या मकसद है वो तो नहीं बताया गया लेकिन भविष्य में इस यान को पानी में सुरक्षित लैंडिंग कराने की तैयारी चल रही है. इसलिए ऐसे प्रयोग चलते रहेंगे. 

अब जानिए स्टारशिप रॉकेट के बारे में... 

स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है. यही भविष्य में इंसानों को मंगल तक ले जाएगा. इसकी ऊंचाई 394 फीट है. व्यास 29.5 फीट है. यह रॉकेट दो हिस्से में बंटा है. ऊपर वाला हिस्सा जिसे स्टारशिप कहते हैं. यह अंतरिक्ष में यात्रियों को लेकर मंगल तक जाएगा. इसकी ऊंचाई 164 फीट है. इसमें 1200 टन ईंधन आता है.

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मेक्सिको की खाड़ी में गिरने से ठीक पहले की तस्वीर. 

दूसरा हिस्सा है सुपर हैवी (Super Heavy). यह 226 फीट ऊंचा रॉकेट है. जो रीयूजेबल है. यानी यह स्टारशिप को एक ऊंचाई तक ले जाकर वापस आ जाएगा. इसके अंदर 3400 टन ईंधन आता है. इसे 33 रैप्टर इंजन ऊर्जा प्रदान करते हैं. यह स्टारशिप को अंतरिक्ष में छोड़कर वायुमंडल पार करते हुए वापस स्टारबेस पर या समुद्र में मोबाइल डॉक पर लैंड करता है.  

क्या खासियत है स्टारशिप रॉकेट की? 

स्टारशिप मानवता के इतिहास में बनाया गया सबसे बड़ा लॉन्च सिस्टम यानी रॉकेट है. यह इतना बड़ा है कि इसमें 100 लोग बैठकर अंतरिक्ष में लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं. यहां तक एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक जा सकते हैं. इसीलिए इस रॉकेट को चंद्रमा और मंगल मिशन के लिए चुना गया है. ताकि इंसानों को वहां पर ले जाया जा सके. इसमें छह इंजन लगे हैं. 

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एक बार में कई सैटेलाइट्स को ले जाएगा

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स्टारशिप की बनावट ऐसी है कि इसमें एक साथ कई सैटेलाइट्स ले जा सकते हैं. स्पेसएक्स के फॉल्कन-9 रॉकेट की तरह ही इसे भी इस्तेमाल कर सकते हैं. या फिर इसमें बड़ा स्पेस टेलिस्कोप ले जा सकते हैं. या धरती से चंद्रमा पर या फिर मंगल तक ज्यादा मात्रा में कार्गो ले जा सकते हैं. भविष्य में इसके आगे की यात्रा भी इसी में संभव है. 

मूनबेस बनाने में मदद करेगा स्टारशिप

जब चंद्रमा पर इंसानी बस्ती बनेगी, तब यही स्टारशिप मदद करेगा. भारी सामान और अंतरिक्षयात्रियों को चंद्रमा पर ले जाएगा. धरती से भारी मात्रा में कार्गो ले जाकर चांद की सतह पर उतार सकता है. यहां तक कि स्टारशिप से इमारतों को बनाने वाले मटेरियल को चांद की सतह तक पहुंचा सकते हैं.  

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