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रूस ने ट्रायल वेपन से किया यूक्रेन के सूमी पर हमला, जानिए S-70 ओखोतनिक ड्रोन की ताकत

रूस ने अपने अत्याधुनिक हैवी स्टेल्थ ड्रोन S-70 ओखोतनिक से यूक्रेन के सूमी इलाके में हमला किया. टारगेट था यूक्रेन की मिलिट्री फैसिलिटी. यह ड्रोन रूस से उड़ा. खुद यूक्रेन पहुंचा. हमला करने के बाद वापस अपने बेस पर पहुंच गया. इस युद्ध में पहली बार इस हैवी ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है. जानिए इसकी ताकत...

ये है रूस का एस-70 ओखोतनिक हैवी स्टेल्थ ड्रोन, जिसका रूस अभी ट्रायल कर रहा है. (फोटोः ट्विटर/IDU) ये है रूस का एस-70 ओखोतनिक हैवी स्टेल्थ ड्रोन, जिसका रूस अभी ट्रायल कर रहा है. (फोटोः ट्विटर/IDU)
aajtak.in
  • मॉस्को,
  • 04 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 10:53 AM IST

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ उतारा अपना सबसे खतरनाक हथियार. इतना ही नहीं इस हथियार का किसी युद्ध में पहली बार इस्तेमाल किया गया. वह भी पूरी सटीकता के साथ. रूस ने इस हथियार के प्रोटोटाइप से ही यूक्रेन पर हमला कर दिया. इसका नाम है एस-70 ओखोतनिक हैवी स्टेल्थ ड्रोन (S-70 Okhotnik Heavy Stealth Drone). 

इस ड्रोन को सुखोई और मिकोयान ने मिलकर डिजाइन किया है. इसकी पहली उड़ान 3 अगस्त 2019 को हुई थी. अगले साल रूस इसे अपनी सेना में शामिल करेगा. यानी अभी ट्रायल चल रहा है. इसी ट्रायल के दौरान ही ओखोतनिक ड्रोन से यूक्रेन के सूमी इलाके में मौजूद मिलिट्री फैसिलिटी पर हमला कराया गया. इसके सिर्फ दो प्रोटोटाइप ही हैं. 

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इस हैवी ड्रोन का विकास रूस ने इसलिए किया ताकि अमेरिका के स्काईबोर्ग प्रोग्राम को टक्कर दे सके. इस ड्रोन को रिमोट से चलाया जाता है. या फिर लोकेशन फीड कर दीजिए. ये जाएगा वहां पर बमबारी करके वापस आ जाएगा. इसका वजन करीब 20 टन है. विंगस्पैन 65 फीट है. फिलहाल इसकी अधिकतम गति 1000 किलोमीटर प्रतिघंटा है. 

अमेरिका को टक्कर देने के लिए रूस ने बनाया ये ड्रोन. (फोटोः ट्विटर/टेक लैब)

एस-70 ओखोतनिक हैवी स्टेल्थ ड्रोन की रेंज 6 हजार किलोमीटर है. यानी शांति के दौरान इतनी लंबी उड़ान भर सकता है. लेकिन युद्ध के दौरान इसकी रेंज आधी हो जाती है. क्योंकि इसमें हथियार लगाए जाते हैं. हथियारों के लिए इसमें दो इंटरनल पॉड बने हैं. जिसमें 2000 किलोग्राम के गाइडेड या अनगाइडेड हथियार लगाए जा सकते हैं. ये बम या मिसाइल या रॉकेट या तीनों का मिश्रण हो सकते हैं. 

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रूस की तैयारी है कि वो अपने प्रोजेक्ट 23900 इवान रोगोव विमानवाहक युद्धपोत के लिए 4 ओखोतनिक ड्रोन्स बनाएगा. जो उस युद्धपोत पर तैनात रहेंगे. ताकि किसी भी देश में निगरानी की जा सके या फिर स्ट्राइक मिशन किया जा सके. स्ट्राइक इसलिए आसान है क्योंकि यह आसमान में दिखता नहीं. साथ ही इसमें आवाज न के बराबर है, इसिलए यह पता नहीं चलता कि आसमान में कुछ उड़ रहा है, जो घातक हो सकता है. 

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