
रविवार को स्पाइसजेट (SpiceJet) की SG-945 फ्लाइट मुंबई से पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर जा रही थी. लैंडिंग से कुछ ही समय पहले अचानक तूफान आया और यह Boeing 737 MAX विमान एयर टर्बुलेंस (Air Turbulence) का शिकार हो गया. इस टर्बुलेंस से 11 यात्री घायल हो गए. काल बैसाखी तूफान की वजह से विमान में आया टर्बुलेंस यात्रियों और क्रू मेंबर्स के लिए बेहद खौफनाक अनुभव था. लेकिन ये टर्बुलेंस आखिर है क्या और किस वजह से होता है, आइए जान लेते हैं.
क्या होता है एयर टर्बुलेंस ?
विमानन के क्षेत्र में, टर्बुलेंस शब्द काफी इस्तेमाल होता है. यह ऐसी घटना है जिससे हर पायलट बचना चाहता है. हर यात्री के लिए ये बेहद खराब अनुभव होता है. टर्बुलेंस असल में एयर फ्लो में दबाव और रफ्तार में आया अचानक परिवर्तन होता है, जिससे विमान को धक्का लगता है. विमान चलते-चलते ऊपर-नीचे हिलने लगता है, जिसे Aircraft Shaking कहते हैं.
टर्बुलेंस की वजह से मामूली झटकों से लेकर तेज और लंबे झटके महसूस किए जा सकते हैं. जिसके नतीजे बेहद भयावह भी हो सकते हैं. हवा की स्थिरता के आधार पर टर्बुलेंस को हल्के, मध्यम, गंभीर या एक्सट्रीम टर्बुलेंस में बांटा जाता है.
मध्यम टर्बुलेंस के दौरान, विमान पर नियंत्रण बनाए रखा जाता है. यात्रियों को सीट बेल्ट के खिलाफ तनाव महसूस होता है, जबकि गंभीर टर्बुलेंस से विमान की एयर स्पीड में बदलाव होता है. साथ ही, उसके एल्टिट्यूड और एटिट्यूड में भी तेजी से बदलाव आ सकता है. एक्सट्रीम टर्बुलेंस की स्थिति में विमान खतरनाक तरह से उछल सकता है, जिसे नियंत्रित करना और हवा में स्थिर रखना असंभव होता है.
क्यों होता है एयर टर्बुलेंस ?
समुद्र की लहरों की तरह, जब हवा किसी पहाड़ या ऊंची इमारत से टकराती है तो हवा में भी लहरें बनती हैं. हवा में टर्बुलेंस कई पर्यावरणीय कारकों की वजह से होता है, जैसे तेज हवा या फिर वातावरण में अचानक हुआ बदलाव. शेफील्ड स्कूल ऑफ एरोनॉटिक्स (Sheffield School of Aeronautics) के मुताबिक, टर्बुलेंस के मुख्य कारण हैं-
कम ऊंचाई पर तेज हवा: कम ऊंचाई पर तेज हवा से घर्षण होता है और एयर फ्लो सतह से प्रभावित होता है. चूंकि यह सीधा और स्थिर नहीं होता, इसलिए दिशा में वेरिएशन के साथ, एयरस्पीड में बदलाव होता है. विमान हिलने लगते हैं.
अन्य विमान से टर्बुलेंस: इस घटना को वेक टर्बुलेंस (Wake Turbulence) कहते हैं. यह तब होता है जब एक हवाई जहाज के पास से दूसरा हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर गुजरता है. इससे विमान दूसरे विमान की हवा में फंस जाता है. विमान जितना बड़ा होगा, टर्बुलेंस उतना ही गंभीर होगा.
सोलर थर्मल: कई बार सूर्य की गर्मी से भी टर्बुलेंस होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि यह थर्मल या गर्म हवा की पॉकेट्स को ट्रिगर करती है, जो वर्तमान हवाओं के साथ टकराती हैं तो उड़ान में झटके लगते हैं.
Spicejet की उड़ान के साथ क्या हुआ?
स्पाइसजेट की उड़ान SG-945 को स्थानीय तूफान काल बैसाखी का सामना करना पड़ा था. यह तूफान गंगा के मैदानी इलाकों से उठता है. इसे नॉरवेस्टर्स(Nor'westers) के नाम से भी जाना जाता है. इससे तेज हवाओं और मूसलाधार बारिश होती है. यह छोटानागपुर पठार में उठता है और बिहार और झारखंड राज्यों को कवर करता है. यह तूफान पूर्व की ओर पश्चिम बंगाल और ओडिशा से टकराता है और भारी बारिश, गरज और बिजली चमकती है.
स्पाइसजेट का विमान जब पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में काजी नजरूल इस्लाम हवाईअड्डे पर लैंड करने की कोशिश कर रहा था, तब टर्बुलेंस हुआ. फिलहाल घायलों का इलाज चल रहा है. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि इस घटना की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है.
The turbulence encountered by a flight while landing in Durgapur, and the damage caused to the passengers is unfortunate. The @DGCAIndia has deputed a team to investigate the incident. The matter is being dealt with utmost seriousness & deftness.
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उन्होंने कहा कि दुर्गापुर में उतरते समय एक फ्लाइट में हुई टर्बुलेंस की घटना और उससे यात्रियों को हुआ नुकसान दुर्भाग्यपूर्ण है. DGCA ने घटना की जांच के लिए एक टीम भेजी है, जो मामले को बेहद गंभीरता और समझदारी के साथ संभाल रही है. जांच पूरी होने के बाद इसके कारणों के बारे में जानकारी साझा की जाएगी.