Advertisement

राहुल गांधी को क्यों नहीं लग रही ठंड, क्या विज्ञान के पास है इसका जवाब

दिल्ली में कड़ाके की ठंड के दौरान राहुल गांधी की टी-शर्ट वाली तस्वीरों ने कई लोगों को हैरान कर दिया है. अगर आपका भी यही सवाल है कि राहुल गांधी को ठंड क्यों नहीं लग रही, तो जवाब जानने की कोशिश करते हैं. कुछ लोगों को कड़ाके की सर्दी में भी ठंड क्यों नहीं लगती, जानेंगे इसके पीछे का विज्ञान.

वीरभूमि पर राहुल गांधी (Photo: PTI) वीरभूमि पर राहुल गांधी (Photo: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) निस्संदेह हाल के इतिहास में कांग्रेस का सबसे बड़ा अभियान है. भारत की सड़कों पर पैदल यात्रा कर रहे राहुल गांधी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. हालांकि, हाल ही में आई तस्वीरों से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है. हर किसी की ज़ुबान पर एक ही सवाल है कि इतनी ठंड में राहुल गांधी कैसे सिर्फ एक टीशर्ट पहने दिखाई दे रहे हैं. क्या राहुल गांधी को ठंड नहीं लगती?

Advertisement

दिल्ली की ठिठुरा देने वाली ठंड में टी-शर्ट पहने पूर्व कांग्रेस प्रमुख की तस्वीरों ने राजनीतिक स्पेक्ट्रम को हिलाकर रख दिया है. जहां एक पक्ष इसे नौटंकी बता रहा है, वहीं दूसरा पक्ष गांधी को सुपरह्यूमन कह रहा है.

आज की तारीख में जो सवाल इस देश का सबसे बड़ा सवाल बन गया है, अब उसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं, लेकिन साइंस का चश्मा पहनकर. विज्ञान की दृष्टि से जानेंगे कि कुछ लोगों को बहुत तेज़ ठंड या बहुत तेज गर्मी के दौरान भी ठंड या गर्मी क्यों नहीं लगती. इसका संबंध मानव के एक सबसेट में हुए जीनोमिक कोड में हुए विकास और अनोखे बदलावों से है.

हमारे तंत्रिका तंत्र (Nervous system) में नर्व सेल रिसेप्टर्स का एक खास सेट होता है, जो मस्तिष्क को बाहर होने वाले पर्यावरणीय बदलाव के आधार पर काम करने के निर्देश देता है. 2021 में एक शोध किया गया था जिससे पता चला कि इन रिसेप्टर्स के कामकाज को प्रभावित करने वाले जेनेटिक म्यूटेशन, कुछ लोगों में अनोखे बदलाव ला सकते हैं. इससे उनमें गर्मी और ठंड के प्रति उच्च सहनशीलता विकसित होती है.

Advertisement

150 करोड़ लोगों को ज्यादा ठंड नहीं लगती

माना जाता है कि अत्यधिक तापमान में रहने और काम कर पाने की क्षमता, दुनिया की 800 करोड़ की आबादी में से लगभग 150 करोड़ लोगों में पाई जाती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ ह्यूमन जेनेटिक्स में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, यह इंसान के फास्ट-ट्विच स्केलेटल मसल फाइबर (fast-twitch skeletal muscle fibre) में ए-एक्टिनिन-3 (a-actinin-3) नाम के प्रोटीन के आभाव की वजह से होता है.

कंकाल की मांसपेशियां (Skeletal muscles) स्लो-ट्विच फाइबर और फास्ट-ट्विच फाइबर से मिलकर बनी होती हैं. ट्विच यह निर्धारित करता है कि मांसपेशी कितनी तेजी से या धीरे चलती है. स्लो-ट्विच मांसपेशियां स्थिरता और ऊर्जा के लिए जिम्मेदार होती हैं, जबकि फास्ट-ट्विच मांसपेशियां ऊर्जा के अचानक बढ़ जाने के कारण होती हैं, जो एथलीटों को बाहरी परिवर्तनों से निपटने में मदद करती हैं. ये तेजी से मुड़ने वाली मांसपेशियां (फास्ट-ट्विच मसल) ऑक्सीजन के बिना, एनारोबिक रूप से ऊर्जा पैदा करती हैं.

करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के फिजियोलॉजी और फार्माकोलॉजी विभाग के शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ इंसानों में ए-एक्टिनिन-3 की कमी होती है. कंकाल के मसल थर्मोजेनेसिस (muscle thermogenesis) में बदलाव की वजह से ठंडे के दौरान ये लोग अपने शरीर के तापमान को बनाए रखते हैं.

क्या यह हानिकारक है?

Advertisement

ACTN-3, को स्पीड जीन के तौर पर भी जाना जाता है. यह प्रोटीन अल्फा-एक्टिनिन-3 को एनकोड करता है, जो शक्तिशाली मांसपेशियों के संकुचन को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है. अल्फा-एक्टिनिन-3 प्रोटीन केवल फास्ट-ट्विच मसल फाइबर में पाए जाते हैं. ACTN-3 की कमी से मांसपेशियों की बीमारी नहीं होती है. हालांकि, यह पावर और स्प्रिंट गतिविधियों के लिए हानिकारक है.

अपोलो हेल्थकेयर के वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. प्रभात रंजन सिन्हा ने आजतक को बताया कि शरीर का तापमान हमारे मस्तिष्क में थर्मोरेगुलेटरी सेंटर द्वारा नियंत्रित होता है और ठंड की सहनशीलता शारीरिक रूप से बेसल मैटाबॉलिक रेट पर निर्भर करती है, जो शरीर में वसा और मेडिकल कंडीशन से मिलकर बनता है. यह एक ऑटोइम्यून फिनोमिना है. थायरोक्सिन (Thyroxin) हार्मोन भी गर्मी पैदा करता है और तापमान सहने की क्षमता को बढ़ाता है. 

पृथ्वी पर हम में से कुछ लोगों की फिज़िओलॉजी (शरीर विज्ञान) में अनोखे परिवर्तन होना अचानक नहीं हुआ. ये लाखों सालों की विकासवादी प्रक्रिया है, जिसने बाहरी परिवर्तनों के प्रति कुछ लोगों को अतिसंवेदनशील बना दिया है, जबकि कुछ को सहनशील.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement