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गुजरात में ही इतनी बारिश क्यों हो रही? बंगाल की खाड़ी से भी उठ रहा आसमानी आफत का नया खतरा

अब वो मॉनसून नहीं रहा जो यूपी-बिहार को डुबाता था. अब वो घूम गया है. उसकी नजर राजस्थान और गुजरात पर है. इसलिए तो देश के पश्चिमी हिस्से वाले ये सूखे राज्य भयानक बारिश के शिकार हो रहे हैं. ऊपर से अरब सागर की बढ़ती गर्मी. लगातार होता जलवायु परिवर्तन और देश में सतह, पानी और हवा का बढ़ता तापमान.

राजकोट में भारी बारिश के बाद रामनाथ महादेव मंदिर में जलभराव. (सभी फोटोः PTI) राजकोट में भारी बारिश के बाद रामनाथ महादेव मंदिर में जलभराव. (सभी फोटोः PTI)
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST

गुजरात में लगातार भयानक बारिश हो रही है. ऐसा पहले कभी देखा नहीं गया. असल में बारिश के पैटर्न में इतना ज्यादा बदलाव भी नहीं देखा गया है. बारिश के पैटर्न में ये बदलाव क्लाइमेट चेंज और बढ़ते तापमान की वजह से आया है. मॉनसून में जहां पहले यूपी और बिहार जलमग्न होते थे, अब सूखे राज्यों में बाढ़ आ रही है. 

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राजस्थान के रेगिस्तानी जिले डूब रहे हैं. वहीं गुजरात के समंदर किनारे वाले इलाके. इतनी बारिश, जिसका अंदाजा मौसम विज्ञानी भी नहीं लगा पा रहे हैं. मान रहे हैं कि बारिश के पैटर्न में तेज बदलाव आया है. मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में हो रही भयानक बारिश की वजह से बंगाल की खाड़ी में मौजूद कई लो-प्रेशर एरिया का पश्चिमी दिशा की तरफ बढ़ना है. 

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पहले बिहार-यूपी-हरियाणा का रूट था... अब यह बदल गया

आमतौर पर बंगाल की खाड़ी में बनने वाला कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ता है. लेकिन उसका रूट होता है बिहार, यूपी, हरियाणा और पंजाब. रास्ते में भयानक बारिश करते हुए आगे बढ़ता है. लेकिन इस बार बारिश वाले कम दबाव के क्षेत्र ने अपना रूट बदल दिया. ये मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान होते हुए पश्चिम की तरफ जा रहा है.  

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मौसम विज्ञानी इसकी वजह जलवायु परिवर्तन को मानते हैं. मौसम का हाल बताने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के वाइस प्रेसिडेंट महेश पालावत के अनुसार क्लाइमेट चेंज सबसे बड़ी वजह है. इसकी वजह से राज्यों के ऊपर बारिश का पैटर्न बदला है. इस साल बंगाल की खाड़ी के ऊपर चार लो-प्रेशर एरिया और दो डिप्रेशन बने. इन सबने उत्तर-पश्चिमी रूट ने पकड़कर पश्चिम वाला रूट पकड़ा. 

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चार-पांच साल से बारिश घूम जा रही है पश्चिमी रूट की तरफ

बारिश ने ये रूट सिर्फ इसी साल नहीं पकड़ा है. चार-पांच साल से पश्चिमी रूट पर जाने का प्रयास कर रही है. बढ़ता तापमान ही बारिश के पैटर्न को बदल रहा है. जिसकी वजह से सामान्य से ज्यादा बारिश सूखे प्रदेशों में हो रही है. जैसे- ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और गुजरात. 

भारती मौसम विज्ञान केंद्र की साइंटिस्ट सोमा सेन रॉय ने इस बात को माना कि पश्चिम बंगाल की ओर कई लो-प्रेशर एरिया बने हैं. इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है. जिसकी वजह से बेतरतीब बारिश हो रही है. अगस्त के महीने में ज्यादा लो-प्रेशर सिस्टम देखने को मिलते हैं. जिसकी वजह से कई राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश होती है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है. मौसम के पैटर्न में कोई बदलाव नहीं है. पश्चिम की तरफ मॉनसूनी बारिश का घूमना एक सामान्य प्रक्रिया है. अक्सर देखने को मिलती है.  

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