
दुनिया की सबसे बड़ी सुनामी यानी इतनी बड़ी लहरें जो किसी पहाड़ से कम नहीं थीं. इसकी मार से जानवरों की एक पूरी प्रजाति खत्म हो गई. धरती पर जीवन का नया चैप्टर शुरू हो गया. नई बायोलॉजी बनने लगी. लेकिन ये सुनामी आई कब थी. असल में ये कहानी 6.60 करोड़ साल पुरानी है.
बात तब की है जब एक एस्टेरॉयड धरती से टकराया था. उसने ऐसी सुनामी पैदा की जो धरती पर अब तक आए किसी भी सुनामी से कई हजार गुना बड़ी थी. दुनिया कुछ मिनटों में तहस-नहस हो गई थी. यह खुलासा हाल ही में हुई एक रिसर्च में हुआ है. ये घटना थी उस एस्टेरॉयड की जो यूकाटन प्रायद्वीप (Yucatan Peninsula) में आकर टकराया था. जहां पर आज आधुनिक मेक्सिको है. इसे द चिक्सुलूब एस्टेरॉयड (The Chicxulub Asteroid) कहते हैं.
रिसर्च में पता चला कि यह एस्टेरॉयड हमारे सौर मंडल के बाहर से तेज गति में आया था. यह टक्कर इतनी तेज थी कि धरती के चेहरे पर निशान बन गया. साल 2021 में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ था कि इस टक्कर से निकली तरंगों की वजह से धरती की ऊपरी लेयर में मेगारिप्पल्स यानी महालहरें बन गई थीं. आज इस जगह पर मध्य लुइसियाना (Central Louisiana) है. यह स्टडी हाल ही में AGU Advances में प्रकाशित हुई है.
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन की पैलियोओशनोग्राफर मॉली रेंज की नई स्टडी पता चला है कि इस एस्टेरॉयड की टक्कर का असर सिर्फ ऊपर नहीं था. आधी धरती पर समुद्र की तलहटी की रूपरेखा बदल गई थी. इंसानी इतिहास में दर्ज सभी सुनामियों से कई गुना बड़ी सुनामी आई थी. जो ताकत, आकार, ऊर्जा सबमें बड़ी थी. मॉली रेंज की टीम ने सुनामी आने के शुरुआती दस मिनट का कंप्यूटर मॉडल तैयार किया. इसके बाद आने वाली लहरों को भी शामिल किया गया. ये दुनिया का पहला ग्लोबल सुनामी सिमुलेशन (First Global Tsunami Simulation) है.
शुरुआती टक्कर से हुए धमाके से निकली पहली सुनामी की लहर 1.50 किलोमीटर ऊंची थी. इसके बाद ट्क्कर से बने गड्ढे को भरने के लिए दूसरी सुनामी लहर आई. फिर वहां से पानी के टक्कर से दूसरी लहर निकली. इस तरह से चार घंटे तक पूरी धरती पर सुनामी की लहरें आती रहीं. सबसे छोटी लहर 33 फीट ऊंची थी. ये लहरें एक मीटर प्रति सेकेंड की गति से चल रही थीं. मॉली रेंज कहती हैं कि ये गति इतनी तेज है कि दुनिया का पूरी नक्शा बदल सकती हैं.
मॉली ने कहा कि आज अगर इतनी ऊंची लहर आ जाए तो कोई भी महाद्वीप सुरक्षित नहीं बचेगा. पहली और जो सबसे ताकतवर लहर उठी थी, वो मेक्सिको की खाड़ी से उठी थी. शुरुआत 328 फीट थी जो बाद में बढ़कर डेढ़ किलोमीटर ऊंची हो गई थी. इस लहर की गति 100 मीटर प्रति सेकेंड थी. इसके अलावा धरती पर चारों तरफ भूकंप के झटके आने लगे थे. पानी के अंदर भूस्खलन शुरू हो गया था. जिसकी वजह से सुनामी काफी देर तक आती रही. इसके सबूत न्यूजीलैंड के पास द्वीपों पर मिले हैं. यानी घटनास्थल से 12 हजार किलोमीटर दूर तक इस विशालकाय सुनामी का असर था.
इतने गहन अध्ययन के बाद अब पता चला है कि कैसे दुनिया में सबसे बड़ी सुनामी आई थी. इस तरह की स्टडी इसलिए भी जरूरी है क्योंकि जब आप पहाड़ों का अध्ययन करने जाते हैं, तब पता चलता है कि वहां पर कभी समुद्र था. या उसकी लहरों का असर आया था. साथ ही सुनामी के खतरों से बचने का मौका भी मिलेगा. कैसे सुनामी से बचा जाए, यह भी पता चलेगा. यह जानकारी भी हासिल कर पाएंगे कि कितनी बड़ी सुनामी कितना ज्यादा नुकसान पहुंचाएगी. क्योंकि आप सबसे पहली लहर से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि पीछे कितनी बड़ी मुसीबत है.