
हीरे के विकल्प के रूप में प्रसिद्ध जिरकॉन (Zircon) ऐसा कठोर खनिज है, जो दुनिया का सबसे गर्म पत्थर मान लिया गया है. हाल ही में इसके चार दाने मिले थे, जिनकी स्टडी के बाद यह पता पुष्ट की गई. यह पत्थर 2370 डिग्री सेल्सियस पर बनता है.
Earth and Planetary Science Letters जर्नल में पब्लिश हुई यह स्टडी नासा जॉनसन स्पेस सेंटर ने पृथ्वी विज्ञान के पोस्ट डॉक्टोरल छात्र गेविन टोलोमेटी, कैथरीन नीश और टिमन्स एरिकसन, थर्मोमैकेनिकल मेटलर्जी प्रयोगशाला से गॉर्डन ओसिंस्की और केरॉन सिरिल ने की है.
साल 2011 में पीएचडी के छात्र माइकल ज़ानेटी लैब्राडोर में मिस्टास्टिन लेक इम्पैक्ट क्रेटर में ओसिंस्की के साथ काम कर रहे थे. उन्हें एक कांच की चट्टान मिली, जिसके अंदर छोटे ज़िरकॉन के दाने जमे थे. बाद में उस चट्टान का विश्लेषण किया गया. पता चला कि वह एस्टेरॉयड के प्रभाव से 2,370 डिग्री सेल्सियस तापमान पर बना है. 2017 में पब्लिश की गई एक स्टडी में इसके निष्कर्षों के बारे में बताया गया था.
टोलोमेटी और उनके साथियों ने 2009 और 2011 में जिरकॉन के चार दाने खोजे. शोधकर्ताओं को दूसरी जगह पर भी सबूत मिले. टोलोमेटी का कहना है, 'सबसे बड़ा मकसद तो यह है कि हमें इस बात का बेहतर अंदाजा है कि ये एस्टेरॉयड की गर्मी से पिघली हुई चट्टानें कितनी गर्म होती हैं, जो उल्कापिंड से टकराने पर बनती हैं. साथ ही, यह खास क्रेटर में पिघलने के इतिहास और ठंडा होने के बारे में बेहतर अंदाजा देती हैं.'
टोलोमेटी ने यह भी पाया कि ज़्यादातर संरक्षित किए गए सबूत जैसे कांच के नमूने और पिघलने वाले नमूने, क्रेटर की सतह के नजदीक पाए गए थे. खोज में यह पाया गया है कि जब ज़िरकॉन उच्च दबाव और तापमान से गुजरता है तब एक खनिज बनता है. टीम को तीन रीडाइट मिले जो अभी भी जिरकॉन के दानों में संरक्षित थे.