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Young Scientist India 2023 के विजेता घोषित, नन्हें वैज्ञानिकों की क्रिएटिविटी ने जीता दिल

Young Scientist India, स्पेस किड्ज इंडिया का खास कार्यक्रम है. YSI हाई स्कूल के छात्रों को उनके नई आइडिया को दिखाने और उनकी रचनात्मकता का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है. इसी के चलते हाल ही में, चेन्नई में Young Scientist India 2023 का ग्रांड फिनाले आयोजित किया गया.

देशभर के स्कूलों से आई थीं 3000 से ज़्यादा एप्लिकेशन (Photo: Space Kidz India) देशभर के स्कूलों से आई थीं 3000 से ज़्यादा एप्लिकेशन (Photo: Space Kidz India)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2023,
  • अपडेटेड 6:29 PM IST

Space Kidz India ने साल 2013 में 'यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम' (Young Scientist Program) बनाया, जिसका उद्देश्य था बच्चों को नई खोजों में दूसरों के साथ जुड़ने और उनका सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना. 'यंग साइंटिस्ट इंडिया' (Young Scientist India) स्पेस किड्ज इंडिया का खास कार्यक्रम है. YSI भारत के सबसे प्रतिष्ठित विज्ञान चैलेंज में से एक है जो हाई स्कूल के छात्रों को उनके नई आइडिया को दिखाने और उनकी रचनात्मकता का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है.

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इस साल YSI का ग्रैंड फिनाले 3 और 4 मई, 2023 को चेन्नई के रूसी सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में स्पेस साइंस, ऐप डेवलपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और रोबोटिक्स समेत अलग-अलग श्रेणियों के फाइनलिस्ट के प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया गया था.

इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं के बीच विज्ञान की अहमियत के बारे में बताना था. 3 मई को स्पेस साइंस और ऐप डेवलपमेंट श्रेणी के छात्रों का मूल्यांकन किया गया, जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स और रोबोटिक्स श्रेणी के छात्रों का मूल्यांकन और ग्रैंड फिनाले 4 मई को हुआ. 

इस कार्यक्रम के लिए देश भर के सरकारी और निजी स्कूलों से 3000 से ज़्यादा एप्लिकेशन मिली थीं. इनमें से 1685 को उनके भेजे गए एबस्ट्रैक्ट से शॉर्टलिस्ट किया गया था. फिर 360 को ऑनलाइन प्रेजेंटेशन के लिए चुना गया, जिसमें से 102 को फिनाले के लिए सलेक्ट किया गया. छात्रों ने ग्रांड फिनाले में लाइव प्रेज़ेंटेशन दी थी. उनमें से 22 ग्रैंड फ़ाइनलिस्ट चुने गए, जिन्हें एक विषय दिया गया था- '50,000 की अनुदान राशि का आप क्या करेंगे, और आप अपने माता-पिता को अपने पैशन के लिए कैसे मनाएंगे?'

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इसमें एक्सटेम्पोर और प्रेजेंटेशन के स्कोर जोड़े गए. हर निजी और सरकारी स्कूलों से अलग-अलग 3 विजेताओं को चुना गया. विजेताओं को 50,000, 30,000 और 15,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया. इसके साथ ही, 16 सांत्वना पुरस्कार और 5 विशेष जूरी पुरस्कार भी दिए गए. 

सरकारी स्कूल कैटगरी में, विजेता रहे डॉ. पी आर घोगरे जूनियर कॉलेज, शिरपुर महाराष्ट्र के यश सीताराम माली, वहीं फर्स्ट रनर अप रहे नवी मुंबई नगर निगम स्कूल महाराष्ट्र के गौरव संतोष चौधरी,  सेकेंड रनर अप रहीं जेएनवी पवारखेड़ा, नर्मदापुरम मध्य प्रदेश की आशिर्या पालीवाल. वहीं निजी स्कूल कैटगरी में विजेता रहीं, बिड़ला बालिका विद्यापीठ राजस्थान की गौरी नंदवाना. फर्स्ट रनर अप रहे डीएवी मॉडल स्कूल, खड़गपुर उत्तर प्रदेश के देवदीप मिश्रा और सेकेंड रनर अप रहे, जी टी अलोहा विद्या मंदिर तमिलनाडु के नील गुप्ता. 

इस कार्यक्रम में इनोवेशन और क्रिएटिविटी का एक शानदार प्रदर्शन देखने को मिला. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जिंजी के.एस. मस्तान, जो तमिलनाडु में अल्पसंख्यक, वक्फ बोर्ड और अनिवासी तमिल, शरणार्थी और विस्थापित कल्याण मंत्री हैं. कार्यक्रम में दक्षिण भारत हेडक्वाटर एरिया, चेन्नई के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल एम. इंद्रबालन , उप-वाणिज्यदूत और रूसी विज्ञान और संस्कृति केंद्र के निदेशक गेनाडी रोगलेव, हेक्सावेयर के वाइस प्रेसिडेंट सरवनन विश्वनाथन ने भी हिस्सा लिया.

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