
इस साल फरवरी में सतीश धवन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने वाली स्पेस कंपनी SpaceKidz India क्लास 8 से 12वीं तक बच्चों के लिए यंग साइंटिस्ट इंडिया (Young Scientist India) प्रतियोगिता करवा रही है. स्पेसकिड्स इंडिया वहीं कंपनी है जिसने सतीश धवन सैटेलाइट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर अंतरिक्ष में भेजी थी. यंग साइंटिस्ट इंडिया प्रतियोगिता का यह आठवां संस्करण है. इस प्रतियोगिता का मकसद बच्चों के बीच विज्ञान को लेकर जागरुकता फैलाना है. ताकि वे वैज्ञानिक सोच के साथ आगे बढ़े और विज्ञान संबंधी करियर में अपना भविष्य खोज सकें.
इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली जा रही है. सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों को अलग-अलग पुरस्कार बांटे जाएंगे. इस काम में स्पेस कंपनी के साथ नीति आयोग, अटल इनोवेशन मिशन और हेक्सावेयर भी हैं. स्पेसकिड्ज इंडिया (SpaceKidz India) ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी दी है. जिसमें रजिस्ट्रेशन से लेकर अन्य सभी जानकारियां दी गई हैं.
स्पेसकिड्ज इंडिया (SpaceKidz India) की सीईओ डॉ. श्रीमति केसन ने बताया कि इस प्रतियोगिता में पहले नंबर पर आने वाले बच्चे को 50 हजार रुपये का कैश प्राइज दिया जाएगा. फर्स्ट रनर अप को 30 हजार और सेकेंड रनर अप को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे. डॉ. केसन ने बताया कि इस प्रतियोगिता को कराने के लिए नीति आयोग और अटल इनोवेशन मिशन के तहत हमें सरकार मदद कर रही है. वहीं हेक्सावेयर कंपनी विजयी बच्चों को विज्ञान में करियर बनाने में गाइडेंस और मौका देगी.
प्रतियोगिता को पांच अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है. कृषि (Agriculture), एप डेवलपमेंट (App Development), इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics), रोबोटिक्स (Robotics) और स्पेस साइंस (Space Science). डॉ. केसन ने बताया कि इन विभिन्न श्रेणियों में विजयी होने वाले बच्चों को सम्मानित किया जाएगा. यह प्रतियोगिता देश के सभी बच्चों के लिए है, जो 8वीं से 12वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं.
स्पेसकिड्ज इंडिया (SpaceKidz India) के सतीश धवन सैटेलाइट को ISRO ने अपने रॉकेट से फरवरी 2021 में लॉन्च किया था. स्पेस स्टार्टअप्स को मौका देने के लिए इस स्पेस कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर, मेक इन इंडिया और मिशन आत्मनिर्भर लिखा हुआ सैटेलाइंट अंतरिक्ष में भेजा था. यह एक नैनो सैटेलाइट है. जो आज भी धरती का चक्कर लगा रही है. यह धरती के मौसम, संचार, चुंबकीय बहाव और रेडिएशन का अध्ययन कर रही है.
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