
अफ्रीकी देश जांबिया की कालांबो नदी की तलहटी से दो लकड़ियां मिली हैं, जो आपस में जुड़ी हुई थीं. इंसानों के पूर्वजों द्वारा बनाई गई ये सबसे पुरानी लकड़ी की वस्तु है. इसकी उम्र करीब पौने पांच लाख साल है. सही-सही बोले तो 476,000 साल पुरानी. यानी लकड़ियों पर कारीगरी करने की शुरुआत होमो सैपियंस के पहले से है.
यानी इंसानों के पूर्वज लकड़ियों का इस्तेमाल जानते थे. पुरातत्वविदों ने उत्तरी जांबिया की लेक तंगनयिका और कालांबो नदी से इन लकड़ियों को खोजा है. इस जगह पर वैज्ञानिक 1950 से लगातार रिसर्च कर रहे हैं. कभी कुछ मिलता है. कभी कुछ. हर चीज इतिहास के पन्नों को खोलती चली जा रही हैं. इससे पहले के खनन में पत्थरों के औजार मिले थे.
प्राचीन बीजों से लेकर लकड़ियों से बनी कलाकृतियां उस समय के इतिहास, संस्कृति और इंसानों के विकास की कहानी बताती हैं. वो भी किसी एक समय की नहीं बल्कि हजारों-लाखों सालों की कहानी बताते हैं. जो लकड़ियां मिली हैं, वो 7.81 लाख से 1.26 लाख साल के बीच की हैं. यानी मध्य प्लीस्टोसीन काल की.
20 सितंबर को नेचर जर्नल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई. जिसमें इंग्लैंड की लिवरपूल यूनिवर्सिटी में ऑर्कियोलॉजी के प्रोफेसर लैरी बैरहम ने लिखा है कि दो लकड़ियां मिली. साथ ही पत्थरों के औजार भी मिले. ये क्ले की परत के नीचे दबे थे. ये इतने साल इसलिए सही रह गए क्योंकि वो नदी में सुरक्षित पड़े थे.
बैरहम और उनके साथियों ने लकड़ियों की उम्र निकालने के लिए लूमिनिसेंस डेटिंग का सहारा लिया. तब पता चला इनकी उम्र कितनी है. साथ ही यह भी पता किया कि इस जगह पर लाखों साल पहले सूरज की रोशनी में ये लकड़ियां कब आई थीं. क्योंकि ये कई सालों से पानी और मिट्टी में दबी हैं. सीधी रोशनी नहीं मिल रही थी.
ये लकड़ियां चीन में मिली प्राचीन लकड़ियों जैसी ही दिखती हैं. लेकिन ये ज्यादा पुरानी हैं. चीन में मिली लकड़ियां 4 लाख साल पुरानी थीं. अफ्रीकन और यूरेशियन पैलियोलिथिक लकड़ियों का आपस में कोई समानता है ही नहीं. जो लकड़ियां मिली हैं, उनमें बड़ी लकड़ी 55.6 इंच की है. जिसमें जुड़ी हुई लकड़ी 75 डिग्री एंगल पर है.
लकड़ियों और बड़े पेड़ों के तनों ने इंसानों को बड़ी चीजें बनाने के लिए प्रेरित किया है. जैसे घर, टावर, पनचक्की, पहिए आदि. इसलिए प्राचीन लकड़ियों का मिलना ये बताता है कि हमारी कारीगरी की शुरुआत कहां से होती है.