यह फैसला उस याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें एक मुस्लिम व्यक्ति ने अपनी तीसरी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने की मांग की थी. यह शादी फरवरी 2023 में एक अल्जीरियाई महिला से हुई थी, लेकिन महाराष्ट्र के एक शादी अधिनियम के आधार पर इसे रजिस्टर करने से इनकार कर दिया गया था.