दंडकारण्य का जंगल 90 हजार से ज्यादा वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. इसे नक्सलियों का गढ़ भी कहा जाता है. वो इसलिए क्योंकि यहीं पर नक्सली बसे हुए हैं. सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि आसपास के राज्यों के नक्सली भी यहां पर मौजूद हैं.