जांच के दौरान इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IDPR) में यह सामने आया है कि इस रैकेट के तार विदेश तक जुड़े हुए हैं. इस नेटवर्क को म्यांमार, कंबोडिया, वियतनाम और लाओस से चलाया जा रहा है. कंबोडिया और दुबई से ठगी का पैसा निकाला जा रहा है.