जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला. लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है जो पालकी में अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है.