दुनिया के कई देश अपनी मातृभाषा में डॉक्टरी की पढ़ाई कराते हैं. भारत में भी ऐसी एक पहल की गई है. इस पहल की ओर पहला कदम रखने वाला राज्य बना है मध्यप्रदेश, जहां मेडिकल फर्स्ट ईयर के लिए तीन किताबें हिंदी में अनुवादित की गई हैं. डॉक्टरी की पढ़ाई अगर हिंदी मीडियम में होगी तो ये किस तरह की अनुवादित किताबों से होगी? इसका क्या फायदा या नुकसान होगा? इन सवालों पर एक्सपर्ट की राय बंटी हुई है. कुछ इसे आधी-अधूरी तैयारी के साथ उठाया कदम बता रहे हैं तो इस मुहिम से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि ये शुरुआती कदम है, आगे सुधार होगा.