अब खबर है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार भी इस प्रस्ताव से नाखुश हैं. उन्होंने कहा कि साल 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री पद का फेस घोषित नहीं किया गया था. पवार ने कहा कि अगर लोग बदलाव के मूड में हैं, तो वे जरूर बदलाव लाने के लिए निर्णय लेंगे.