मद्रास हाई कोर्ट ने एक सरकारी स्कूल में पार्ट टाइम जॉब कर रहे सफाई कर्मचारी को स्थाई नियुक्ति में मिलने वाला लाभ देने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. जस्टिस चन्द्रचूड़ की बेंच ने कहा कि एक आदमी ने 22 साल तक स्कूल में अपनी सेवा दी. जब वो घर लौट रहा तो वो बिना किसी पेंशन , ग्रेच्युटी के. ये हमारे समाज का निचला स्तर है.