MP हाईकोर्ट ने सुरक्षा मानदंडों का कड़ाई से पालन करते हुए इस कचरे का परीक्षण तीन चरणों में करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने अधिकारियों से 27 मार्च तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.