लेक्स फ्रिडमैन से चर्चा की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मेरी ताकत मोदी नहीं 140 करोड़ देशवासी, हजारों साल की महान संस्कृति मेरा सामर्थ्य है. मैं जहां भी जाता हूं, मोदी नहीं जाता है, हजारों साल की वेद से विवेकानंद की महान परंपरा को 140 करोड़ लोगों, उनके सपनों को लेकर, उनकी आकांक्षाओं को लेकर निकलता हूं. इसलिए मैं दुनिया के किसी नेता को हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलाता बल्कि 140 करोड़ लोगों का हाथ होता है. तो सामर्थ्य मोदी का नहीं भारत का है.