पटवारी के बिलखते पिता ने कहा, देखिए कितनी बड़ी विडंबना है कि प्रसन्न सिंह 16 साल तक सरहद में देश की सेवा के लिए तैनात रहे और दुश्मन उनका बाल बांका नहीं कर पाए, लेकिन अपने देश में ही रेत माफिया ने उनकी जान ले ली.