इतिहासकार दावा करते हैं कि इस्लाम के आने से पहले कुर्द बुतपरस्त हुआ करते थे, यानी मूर्तिपूजा करते. ये भारत और ईरान के मिश्रित तौर-तरीके मानने वाले थे. 7वीं सदी में इनका इस्लाम से संपर्क हुआ और जल्द ही ये लोग इस्लाम को मानने लगे. बावजूद इसके, कोई देश इन्हें मान्यता नहीं देता है.