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CWG 2018: जब 12 साल की मीराबाई ने उठा लिया था लकड़ी का गट्ठर

23 साल की उम्र में उन्होंने गोल्ड कोस्ट में 48 किग्रा में स्नैच, क्लीन एवं जर्क का खेलों का रिकॉर्ड बनाकर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.

मीराबाई चानू मीराबाई चानू
विश्व मोहन मिश्र
  • गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया),
  • 06 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:38 AM IST

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मीराबाई चानू ने 12 साल की उम्र में भारोत्तोलन के अपने हुनर का परिचय दे दिया था, जब वह अपने बड़े भाई से अधिक लकड़ी आसानी से उठा लेती थी.

अब 23 साल की उम्र में उन्होंने गोल्ड कोस्ट में 48 किग्रा में स्नैच, क्लीन एवं जर्क का खेलों का रिकॉर्ड बनाकर भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया.

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इम्फाल से 20 किमी दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में गरीब परिवार में जन्मी और छह भाई बहनों में सबसे छोटी मीराबाई अपने से चार साल बड़े भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पास की पहाड़ी पर लकड़ी बीनने जाती थी.

सांतोम्बा ने पीटीआई से कहा, ‘एक दिन मैं लकड़ी का गठ्ठर नहीं उठा पाया, लेकिन मीरा ने उसे आसानी से उठा दिया और वह उसे लगभग दो किमी दूर हमारे घर तक ले आय. तब वह 12 साल की थी.’ मीराबाई के स्वर्ण पदक जीतने के बाद उनके घर में पटाखे फूट रहे हैं.

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को चानू ने एक साथ राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड और गेम रिकॉर्ड अपने नाम किए. चानू ने स्नैच में 86 का स्कोर किया और क्लीन एंड जर्क में 110 स्कोर करते हुए कुल 196 स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता.

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स्नैच और क्लीन एंड जर्क दोनों में चानू का यह व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. उन्होंने साथ ही दोनों में राष्ट्रमंडल खेल का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है.

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