
भारत की दिग्गज मुक्केबाज और ओलंपिक मेडल विजेता एमसी मेरी कॉम रविवार को होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के समापन समारोह में भारत की ध्वजवाहक होंगी. मेरी कॉम ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करते हुए गोल्ड मेडल जीता. 35 साल की पांच बार की विश्व चैंपियन मेरी कॉम ने आज लाइट फ्लाइवेट (48 किग्रा) के फाइनल में उत्तरी आयरलैंड की क्रिस्टीना ओहारा को हराकर खिताब जीता.
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मेरी कॉम ने कहा, ‘मैं पहली बार इस तरह की प्रतियोगिता में भारत की ध्वज वाहक बनूंगी, मुझे नहीं पता कि मैं इसकी हकदार हूं या नहीं लेकिन निश्चित तौर पर मुझे इस पर गर्व है.’ खेलों के उद्घाटन समारोह में स्टार शटलर पीवी सिंधु भारतीय दल की ओर से ध्वजवाहक बनी थीं.
पांच बार की एशियाई चैंपियन मेरी कॉम ने पिछले पांच महीने में 3 गोल्ड मेडल जीते हैं. अपने नाम को गलत तरीके से लिखने के मामले पर मेरी कॉम ने कहा, ‘असल में मेरे पासपोर्ट पर जो नाम लिखा है, आयोजकों ने उसका इस्तेमाल किया. खेलों के खत्म होने और भारत लौटने के बाद मैं इसे सही कराऊंगी.’
मेरी कॉम पहली और संभवत: आखिरी बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रही हैं. यहां गोल्ड जीतने के बाद उन्होंने कहा, 'मेरी सफलता का राज मेरी फिटनेस है और मैं बहुत फुर्तीली हूं.' उन्होंने कहा कि वो मुकाबले से पहले अच्छे से योजना बनाती हैं और कुछ ही सेकेंड में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर दबाव बना सकती हैं.
मेरी कॉम के संघर्ष की कहानी
35 साल की मेरी कॉम एक किसान की बेटी हैं. दूसरे महिला एथलीटों की तरह ही मेरी के लिए बॉक्सिंग में अपना करियर बनाना आसान नहीं था. मेरी कॉम ने जब बॉक्सिंग शुरू की थी, तो उन्हें अपने घर से कोई समर्थन नहीं मिला. घर वाले मेरी कॉम के बॉक्सिंग के खिलाफ थे, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने उनके घर वालों को झुकने के लिए मजबूर कर दिया. तीन बच्चों की मां ने जब भी बॉक्सिंग रिंग में कदम रखा, कामयाबी ने उनके कदम चूमे हैं.
बता दें कि मेरी कॉम के जीवन पर फिल्म 'मेरी कॉम' भी बन चुकी है. फिल्म में मणिपुर की इस खिलाड़ी का किरदार मशहूर अदाकारा प्रियंका चोपड़ा ने निभाया था. इस फिल्म को नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था.