कहावत है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है. जिसके पास प्रतिभा हो उसे कोई आगे बढ़ने से रोक नहीं सकता. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है मोतिहारी के लाल युवा क्रिकेटर सकिबुल गनी ने. सकिबुल ने शुक्रवार को क्रिकेट के इतिहास में ऐसा कारनामा कर दिखाया, जिसकी कल्पना भी शायद किसी ने नहीं की होगी.
सकिबुल ने बिहार टीम की तरफ से खेलते हुए मिजोरम टीम के खिलाफ 341 रन बना डाले. इसके साथ ही सकिबुल फर्स्ट क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए थे. गांव की गलियों में गिल्ली-डंडा खेलने वाले सकिबुल को आठ साल की उम्र में क्रिकेट का चस्का लगा.
आज सकिबुल के बचपन का शौक उनके जीवन का आधार बन गया है और उन्होंने बिहार टीम की ओर से खेलते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला है. मोतिहारी की लोकल टीम इलेवन स्टार का ये खिलाड़ी आज वर्ल्ड क्रिकेट का स्टार खिलाड़ी बन गया है.
सकिबुल की उपलब्धि से परिजनों में तो खुशी का माहौल तो है ही साथ ही आज पूरा चंपारण का सीना गर्व से चौड़ा हो चुका है. इस खुशी में मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में उनके साथी खिलाड़ियों ने जश्न भी मनाया और इस उपलब्धि के लिए केक भी काटा.
डेब्यू मैच में मिजोरम के खिलाफ रिकॉर्डतोड़ पारी के बाद सकिबुल गनी ने उन आलोचकों का मुंह भी बंद कर दिया है, जिन्होंने बिहार टीम में शामिल किए जाने पर सकिबुल का विरोध किया था.
आज पूरा चम्पारण सकिबुल के नारे लगा रहा है और परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा है. बड़े भाई फैसल गनी के निर्देशन में आगे बढ़ने वाले सकिबुल ने देश दुनिया को बता दिया है कि चंपारण में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. तिहरा शतक जड़कर उन्होंने ये बात फिर साबित कर दिया है.
मोतिहारी के अगरवा मोहल्ले में सकिबुल के घर पर जश्न का माहौल है. अपने होनहार पुत्र के वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की खुशी में मिठाईयां बांटी जा रही है. 22 वर्षीय सकिबुल चार भाइयों में सबसे छोटे हैं और उनके बड़ा भाई कोच की भूमिका में हैं. सकिबुल की इस उपलब्धि पर उनकी मां आजमा खातून काफी खुश हूं.
सकिबुल की इस उपलब्धि पर एक ओर जहां चंपारण वासियों में खुशी का माहौल है, वहीं पूरे बिहार समेत देश- दुनिया में आज चम्पारण का डंका बज रहा है.