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Wriddhiman Saha Controversy: कोहली से लेकर साहा तक, गांगुली के कार्यकाल में दिखी विवादों की ‘दादागीरी’

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:26 PM IST
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भारतीय क्रिकेट एक बार फिर विवादों में आया है और इसके केंद्र में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली भी हैं. श्रीलंका सीरीज़ के लिए विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा का चयन नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने कई तरह की बात कहीं. इनमें सौरव गांगुली का जिक्र भी था, ये पहली बार नहीं है कि जब सौरव गांगुली के अध्यक्षीय कार्यकाल में बीसीसीआई इस तरह के विवादों में फंसा है. 

सौरव गांगुली के खिलाफ कई बार खिलाड़ियों ने ही बागी तेवर अपनाया है, जिसमें नया नाम ऋद्धिमान साहा का ही है. ऐसे ही अलग-अलग वाकयो पर नज़र डालिए...

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ऋद्धिमान साहा: श्रीलंका टेस्ट सीरीज़ के लिए ऋषभ पंत के बाद दूसरे विकेटकीपर के तौर पर केएस. भरत को चुना गया है. ऋद्धिमान साहा को जब शामिल नहीं किया गया, तब उन्होंने नाराज़गी जताई. साहा ने खुलासा किया कि राहुल द्रविड़ ने उन्हें साउथ अफ्रीकी दौरे के बाद इसका इशारा किया था, साथ ही संन्यास की सलाह भी दी थी. 

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इसके अलावा ऋद्धिमान साहा ने बताया कि जब उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 61 रनों की पारी खेली थी, तब सौरव गांगुली ने उन्हें मैसेज कर बधाई दी थी. साथ ही कहा था कि जबतक वह यहां (बीसीसीआई) में हैं, तबतक वह चिंता नहीं करें. लेकिन पता नहीं इतनी जल्दी ऐसा बदलाव क्यों हो गया.

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विराट कोहली: टी-20 वर्ल्डकप के दौरान भी एक विवाद हुआ था, जिसमें विराट कोहली और सौरव गांगुली आमने-सामने थे. विराट कोहली ने वर्ल्डकप से पहले टी-20 फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था, तब हर कोई सकते में आ गया था. इसके बाद सौरव गांगुली ने बयान दिया था कि उन्होंने निजी तौर पर कोहली से ऐसा नहीं करने के लिए कहा था, लेकिन कोहली ने उनकी बात नहीं मानी. 

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हालांकि, विराट कोहली ने इसके बाद साफ किया था उनसे किसी ने भी टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने की अपील नहीं की. बल्कि हर कोई उनके इस फैसले का स्वागत कर रहा था. दोनों ओर से बयानबाजी हुई, जिसके बाद चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने कहा कि हम सभी ने विराट से टी-20 वर्ल्डकप तक इस फैसले को नहीं लेने के लिए कहा था.  

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रवि शास्त्री: टी-20 वर्ल्डकप से टीम इंडिया के कोच रहे रवि शास्त्री का सौरव गांगुली के साथ पुराना विवाद रहा. सौरव गांगुली जब एक कमेटी का हिस्सा थे, तब ये कहा गया कि रवि शास्त्री की बतौर कोच एंट्री के लिए तब उन्होंने अड़चन लगाई थी. रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन उनके कार्यकाल को बढ़ाया नहीं गया.

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जब रवि शास्त्री के कार्यकाल में टी-20 वर्ल्डकप आया, उसी वक्त ये चीज़ें बाहर आने लगी थीं कि टीम इंडिया के लिए नए कोच की तलाश शुरू हो गई है. सौरव गांगुली भी राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया के साथ जोड़ने को लेकर संकेत दे रहे थे. अंत में यही हुआ कि रवि शास्त्री और उनकी टीम की विदाई हो गई.

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इनके अलावा भी रणजी ट्रॉफी के आयोजन, इंडियन प्रीमियर लीग में अहमदाबाद टीम के मालिक के सट्टेबाजी की वेबसाइट के साथ कनेक्शन समेत अन्य कई ऐसे मामले पिछले कुछ वक्त में हुए जिनकी वजह से बीसीसीआई ने सुर्खियां बटोरीं. 
 

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आपको बता दें कि सौरव गांगुली ने साल अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था.  उनका कार्यकाल इसी साल सितंबर में पूरा होगा.

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All Photos: PTI, Getty

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