
Aakash Chopra on Qatar Navy Veteran Officers: कतर में हिरासत में रखे गए भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अफसरों को हाल ही में रिहा कर दिया गया है. यह मामला तभी से काफी सुर्खियों में बना हुआ है. बता दें कि इन 8 में से 7 अफसर वापस भारत भी लौट आए हैं.
बता दें कि इन पूर्व अफसरों को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था. इन सभी को पिछले साल 26 अक्टूबर को कतर की कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. इसी दौरान भारत के ही कई नेताओं समेत अन्य कई लोगों ने भारत सरकार की आलोचना की थी. साथ ही कुछ ने अधिकारियों की मदद की गुहार भी लगाई थी.
फांसी की सजा सुनाए जाने के 108 दिनों में ही रिहा हुए
मगर इसी साल 12 फरवरी की सुबह सभी भारत लौट आए. यानी फांसी की सजा का ऐलान होने के बाद 108 दिनों में इन सभी अधिकारियों की रिहाई भी हो गई. ऐसे में वो सभी आलोचक अब ट्रोल हो रहे हैं, जिन्होंने भारत सरकार पर उंगली उठाई थी.
इसी कड़ी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी इन आलोचकों को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने आलोचना करने वालों को बुद्धिजीवी कहा. साथ ही आकाश ने कहा कि कीचड़ उछालने वालों का ही मुंह काला हो गया है.
कीचड़ फेंकने वालों का ही मुंह काला हो गया है
आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, 'कतर में हमारे नौसेना के पूर्व अधिकारी थे, जिन्हें फांसी की सजा भी सुना दी गई थी. उन्हें रिहा कर दिया गया, उनमें से 7 लोग भारत भी आ चुके हैं. जब यह फांसी की सजा दी गई थी, तब ट्विटर जो कि अब एक्स है, उस पर मैंने बहुत से बुद्धिजीवियों को कहते देखा कि अरे ये देखो विश्वगुरु, ये देखो तुम्हारी पॉलिटिक्स, अरे ये देखो तुम्हारी डिप्लोमेसी. सबके सब तुम बेकार हो.'
पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'ऐसा उन्होंने जोर-जोर से बोलना शुरू किया था. उस समय सरकार कुछ नहीं बोल सकी. सरकार तो नहीं कह सकती कि हम बात कर रहे हैं. हम जाकर छुड़ा लाएंगे, क्योंकि सरकार अपने हिसाब से काम करती है. फिर सरकार ये काम कर जाती है. वो छुड़ा कर ले आती है आपके लोगों को और अब जिन लोगों ने वहां पर बहुत सारी कीचड़ फेंकी थी. अब उनका मुंह मुझे थोड़ा सा काला नजर आने लगा है.'
आकाश ने आलोचकों को दी ये खास सलाह
आकाश ने सलाह देते कहा, 'थोड़ा सा ध्यान रखना जरूरी है कि राष्ट्रनीति के सामने राजनीति नहीं हो सकती है. राष्ट्रनीति सबसे ऊपर है और राजनीति उसके नीचे है. कई बार आप ज्यादा बोलकर (इशारों में कहा) अपने देश के चांस को कम कर देते हो.'