
Ajinkya Rahane: भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे पिछले 12 महीनों से बेहद खराब दौर से गुजर रहे हैं. साल 2021 में 33 वर्षीय रहाणे ने 13 टेस्ट मैचों में 20.83 की निराशाजनक औसत से महज 479 रन बनाए. नतीजतन उन्हें खेल के सबसे लंबे प्रारूप में भारत के उप-कप्तान के रूप में हटा दिया गया था. अब टेस्ट टीम में उनकी जगह भी सवालों के घेरे में आ गई है.
इस साल रहाणे ने साउथ अफ्रीका में दो टेस्ट खेले, लेकिन ज्यादा प्रभावित भी नहीं कर सके. इस दौरान रहाणे ने चार पारियों में 68 रन बनाए जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है. टेस्ट प्रारूप में अपने खराब प्रदर्शन के बारे में रहाणे ने कहा कि गेम टाइम की कमी ने उनकी बल्लेबाजी को प्रभावित किया है. जब से कोविड-19 फ्रेम में आया है, भारत में कई घरेलू टूर्नामेंट रद्द कर दिए गए हैं.
रहाणे ने बैकस्टेज विद बोरिया शो में कहा, 'जब आप केवल एक प्रारूप खेलते हैं, विशेष रूप से पिछले 2-3 वर्षों में जहां कोई रणजी क्रिकेट नहीं है और कोई अन्य घरेलू खेल नहीं है. तो मुझे लगता है कि इन चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए क्योंकि आप घर बैठे रन नहीं बना सकते.'
उन्होंने कहा, 'आप कितना भी अभ्यास करें या कितने भी सत्र हों, उससे आत्मविश्वास नहीं मिलेगा. आत्मविश्वास गेम टाइम और मैचों में रन बनाने के साथ आता है.' रणजी ट्रॉफी आखिरी बार 2019-20 में आयोजित की गई थी, जबकि 2020-21 संस्करण को कोविड-19 महामारी के कारण रद्द कर दिया गया था.
देश भर में कोरोना मामलों में अचानक वृद्धि के कारण मौजूदा सीजन में भी देरी हुई. अब रणजी ट्रॉफी 17 फरवरी से शुरू हो रहा है. रहाणे ने यहां तक कहा कि वनडे प्रारूप में काफी अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें टीम से अचानक हटा दिया गया था.
रहाणे ने आगे कहा, 'इससे पहले मैं टीम इंडिया के लिए लगातार एकदिवसीय क्रिकेट खेल रहा था और मैं वास्तव में अच्छा कर रहा था. अचानक मैं ड्रॉप हो गया. मैं अपने अतीत में नहीं जाना चाहता, लेकिन वास्तविकता यह है कि मैं 2014, 15, 16 और 17 में वनडे और टेस्ट क्रिकेट दोनों में अच्छा जा रहा था. इसके बाद मुझे मुश्किल से गेम टाइम मिला, टेस्ट मैचों के बीच बहुत बड़ा गैप था.'